बांग्लादेश को हराकर भारत छठी बार बना एशिया का किंग
मीरपुर (ढाका), 6 मार्च | भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार टी-20 फॉरमेट में खेले गए एशिया कप का ताज हासिल कर लिया है। भारत ने रिकार्ड छठी बार यह खिताब का खिताब अपने नाम किया है। धौनी की कप्तानी में
मीरपुर (ढाका), 6 मार्च | भारतीय क्रिकेट टीम ने पहली बार टी-20 फॉरमेट में खेले गए एशिया कप का ताज हासिल कर लिया है। भारत ने रिकार्ड छठी बार यह खिताब का खिताब अपने नाम किया है। धौनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने दूसरी बार यह टूर्नामेंट जीता है। मेजबान बांग्लादेश ने शेर-ए-बांग्ला नेशनल स्टेडियम में रविवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत के सामने 121 नों का लक्ष्य रखा, जिसे उसने मैन ऑफ द मैच शिखर धवन (60), विराट कोहली (नाबाद 41) और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी (नाबाद 20) की शानदार पारियों की मदद से 13.5 ओवरों में 2 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया।
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भारत ने पांच रन के कुल योग पर रोहित शर्मा (1) का विकेट गंवाया था। इसके बाद कोहली और धवन ने दबाव के बीच शानदार अंदाज में खेलते हुए दूसरे विकेट के लिए 67 गेंदों पर 94 रन जोड़े।
99 के कुल योग पर आउट होने वाले धवन ने अपने टी-20 करियर की अब तक की सबसे बड़ी पारी खेलते हुए 44 गेंदों का सामना करते हुए 9 चौके और एक छक्का लगाया जबकि कोहली ने 28 गेंदों पर पांच चौके लगाए।
धवन का विकेट गिरने के बाद कप्तान ने खुद को प्रोमोट किया। धौनी जब विकेट पर आए थे, तब भारत को 14 गेंदों पर 21 रन चाहिए थे। धौनी ने ताबड़तोड़ अंदाज में खेलते हुए इन 21 रनों में से 20 रन अपने नाम किए।
अंतिम 12 गेंदों पर भारत को 19 रनों की जरूरत थी। धौनी ने बिग-हिटर की अपनी पुरानी छवि की झलक फिर से दिखाई और अल अमीन हुसैन ओवर में दो छक्कों और एक चौके की मदद से 19 रन बटोर लिए। यह धौनी का ही कमाल था कि भारत ने सात गेंदें शेष रहते मेजबान टीम के पहली बार यह खिताब जीतने के सपने को चकनाचूर कर दिया।
भारत ने धौनी की कप्तानी में 2010 के बाद दूसरी बार यह खिताब जीता है। इससे पहले भारत ने 1984, 1988, 1990 और 1995 में यह खिताब जीता था। इसके अलावा भारत 1997, 2004 और 2008 में उपविजेता रहा था।
भारत ने सबसे अधिक बार यह खिताब जीता है। इस क्रम में दूसरे स्थान पर है, जिसने पांच बार यह खिताब जीता है। दो बार पाकिस्तान भी चैम्पियन रहा है।
इससे पहले, भारत ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करते हुए बारिश के कारण 15 ओवरों तक सीमित किए गए मैच में मेजबान टीम को 15 ओवरों में पांच विकेट पर 120 रनों पर सीमित कर दिया।
दूसरी बार फाइनल में पहुंची बांग्लादेश टीम के लिए महमुदुल्लाह रियाज ने सबसे अधिक 33 रनों का योगदान दिया जबकि शब्बीर रहमान ने नाबाद 32 रन बनाए। इन दोनों ने 20 गेंदों पर 45 रन जोड़े। मेजबान टीम ने अंतिम पांच ओवरों में 52 रन बनाए।
मेजबान टीम की शुरुआत अच्छी रही। तमीम इकबाल (13) और सौम्य सरकार (14) ने आक्रामक अंदाज में शुरुआत की और 4 ओवरों में 27 रन जोड़े। दोनों ने आशीष नेहरा द्वारा फेंके गए पारी के चौथे ओवर में तीन चौके लगाी लेकिन अंतिम गेंद पर नेहरा ने सरकार को हार्दिक पंड्या के हाथों कैच करा दिया।
सौम्य ने 9 गेंदों पर तीन चौके लगाए। तमीम भी सौम्य के बराबर खतरनाक दिख रहे थे लेकिन जसप्रीत बुमराह ने 30 के कुल योग पर उन्हें पगबाधा आउट कर भारत को दूसरी सफलता दिलाई। तमीम ने 17 गेंदों पर दो चौके लगाए।
इसके बाद शाकिब अल हसन (21) ने खुलकर हाथ दिखाए और 16 गेंदों पर तीन चौके लगाए। शाकिब और शब्बीर तीसरे विकेट के लिए 34 रन जोड़े।
शाकिब का स्थान लेने आए मुशफिकुर रहीम (4) और कप्तान मशरफे मुर्तजा (0) को भारत ने अधिक देर नहीं टिकने दिया। मुशफिकुर को कोहली ने रन आउट किया जबकि मुर्तजा को रवींद्र जडेजा ने कोहली के हाथों कैच कराया।
इसके बाद बांग्लादेश के लिए कुछ अच्छा होना था और शायद इसी लिए महमुदुल्लाह विकेट पर आए। आते ही इस खिलाड़ी ने जोरदार शॉट्स लगाए। महमुदुल्लाह की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने भारत को बैकफुट पर ला दिया।
महमुदुल्लाह की वजह से ही बांग्लादेश 100 और फिर 120 रनों का मजबूत स्कोर हासिल कर सका। एक समय उसके 100 तक भी पहुंचने के आसार नहं दिख रहे थे। महमुदुल्लाह ने 13 गेदों पर दो चौके और दो छक्के लगाए जबकि इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मैन ऑफ द टूर्नामेंट खिताब जीतने वाले शब्बीर ने 29 गेंदों पर दो चौके जड़े।
भारत की ओर से रविचंद्रन अश्विन और बुमराह ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए अपने तीन ओवर के कोटे में क्रमश: 14 और 13 रन दिए तथा एक-एक सफलता हासिल की। रवींद्र जडेजा और अशीष नेहरा को भी एक-एक विकेट मिला।