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आईपीएल 2020 के शेड्यूल की घोषणा से पहले इस चीज को लेकर खड़ी हुई बड़ी मुसीबत

नई दिल्ली, 4 जनवरी | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अगला संस्करण 29 मार्च से वानखेड़े स्टेडियम से शुरुआत करेगा, लीग की गर्विनंग काउंसिल को फरवरी के पहले सप्ताह में टूर्नामेंट का कार्यक्रम फाइनल करेगी। इसमें हालांकि...

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma January 04, 2020 • 17:03 PM
Indian Premier League 2020
Indian Premier League 2020 (BCCI)
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नई दिल्ली, 4 जनवरी | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का अगला संस्करण 29 मार्च से वानखेड़े स्टेडियम से शुरुआत करेगा, लीग की गर्विनंग काउंसिल को फरवरी के पहले सप्ताह में टूर्नामेंट का कार्यक्रम फाइनल करेगी। इसमें हालांकि प्रसाकरणकर्ता स्टार स्पोटर्स को परेशानी हो रही है क्योंकि वह चाहता है कि कार्यक्रम में एक दिन में दो मुकाबले नहीं रखे जाएं, साथ ही जो टीम कार्यक्रम तैयार कर रही है वो इस तरह से तैयार करे की फ्रेंचाइजियों को अपने विदेशी खिलाड़ियों की कमी नहीं खले।

आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच खेली जाने वाली टी-20 सीरीज का अंतिम मैच 29 मार्च को ही खेला जाएगा। इसके अलावा इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच खेली जाने वाली टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच भी 31 मार्च को खत्म हो रहा है। इसलिए जिन टीमों के पास आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाड़ी हैं वो टूर्नामेंट की शुरुआत अधूरी रहते हुए करेंगी।

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इसके अलावा काउंसिल के सामने मैच शुरू करने के समय को लेकर भी माथापच्ची करनी होगी क्योंकि स्टार स्पोटर्स चाहता है कि मैच जल्दी शुरू किए जाएं। वहीं कुछ फ्रेंचाइजियों का मानना है कि प्लेऑफ की शुरुआत जल्दी करना ठीक है लेकिन लीग चरण के मैच आठ बजे से ही शुरू होने चाहिए।

एक फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि प्रसारणकर्ता अपनी मर्जी के मुताबिक दो मुकाबले नहीं चाहते है लेकिन कई फ्रेंचाइजियां सप्ताह के अंत में दो मुकाबले होने से बच्चे मैच के लिए आ सकते हैं।

उन्होंने कहा, "देखिए, हम इस बात को मानते हैं कि अगर मैच चार बजे से होते हैं तो सिर्फ प्रसारणकर्ता ही नहीं बल्कि आय के हिसाब से फ्रेंचाजियों को भी परेशानी होती है। लेकिन आपको यह सोचना होगा कि आईपीएल क्रिकेट के बारे में है और इसमें बच्चे और परिवारों को स्टेडियम में लाना शामिल है।"

उन्होंने कहा, "सप्ताह के अंत में बच्चों को दोपहर में स्टेडियम में लाना आसान है क्योंकि इससे उनका कार्यक्रम बिगड़ता नहीं है। बच्चे देर रात घर लौटें यह अच्छी बात नहीं होगी।"

एक अन्य फ्रेंचाइजी के अधिकारी ने कहा कि यह दिन में दो मुकाबले का ही मुद्दा ही था जिसके कारण बीसीसीआई ने टूर्नामेंट की शुरुआत मार्च के आखिरी सप्ताह में कराई न कि एक अप्रैल से, इससे टीम के अधिकतर विदेशी खिलाड़ी टीम के साथ जुड़ जाते।

अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "अगर हम दिन में दो मैचों के लिए गए होते तो हमारे पास टूर्नामेंट की शुरुआत में ही हमारे विदेशी खिलाड़ी होते। चूंकि यह सप्ताह के अंत में भी विकल्प नहीं है, इसलिए हमें जल्दी शुरुआत करनी होगा ताकि टूर्नामेंट मई के आखिरी तक चले। इसलिए हमें अपने विदेशी खिलाड़ियों के बिना ही शुरुआत करनी होगी।"

मैच की शुरुआत किस समय पर की जाए यह भी एक चिंता का विषय है। स्टार स्पोटर्स का कहना है कि मैच शाम सात या साढ़े सात बजे से शुरू होने चाहिए ताकि मैच ज्यादा रात तक नहीं चले, लेकिन फ्रेंचाइजियों का मानना है कि कामकाज वाले दिन दर्शकों का इस समय तक मैदान पर आना मुश्किल होगा।

अधिकारी ने कहा, "अगर आप मेट्रो में रह रहे हैं तो आप जानते है कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू में ट्रैफिक कैसा रहता है। क्या आपको वाकई में लगता है कि लोग छह बजे ऑफिस से निकलने के बाद अपने परिवार को लेकर मैच की शुरुआत तक स्टेडियम में आ पाएंगे? समय में बदलाव करने से पहले यह ऐसी चीज है जिस पर विचार करना चाहिए।"
 


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