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काम में पारदर्शिता के लिए काम करे बीसीसीआई : न्यायालय

नई दिल्ली, 29 अप्रैल | सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ओडिशा क्रिकेट संघ (ओसीए) से कहा कि उन राज्यों की टीमों के साथ क्रिकेट खेलना जो अभी तक क्रिकेट खेलने के लिए नहीं जाने जाते हैं, खेल के लिए हानिकारक

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma April 29, 2016 • 23:59 PM
काम में पारदर्शिता के लिए काम करे बीसीसीआई : न्यायालय
काम में पारदर्शिता के लिए काम करे बीसीसीआई : न्यायालय ()
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नई दिल्ली, 29 अप्रैल | सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ओडिशा क्रिकेट संघ (ओसीए) से कहा कि उन राज्यों की टीमों के साथ क्रिकेट खेलना जो अभी तक क्रिकेट खेलने के लिए नहीं जाने जाते हैं, खेल के लिए हानिकारक कैसे होगा? अदालत ने साथ ही यह भी कहा कि बीसीसीआई को सिर्फ खेल में सुधार के लिए नहीं बल्कि काम में पारदर्शिता लाने की भी जरूरत है।

ओसीए की तरफ से दलील दे रहे वरीष्ठ वकील के.वी. विश्वनाथन ने अदालत से कहा कि अगर वह उन राज्यों के साथ क्रिकेट खेलते हैं जोकि आमतौर पर खेलते नहीं है तो यह खेल के लिए हानिकारक होगा। प्रधान न्यायाधिश टी.एस.ठाकुर और न्यायाधीश फक्कीर मोहामेद इब्राहीम कलीफुल्ला की खंडपीठ ने विश्वनाथन से पूछा, "आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि हम उनके साथ नहीं खेलेंगे। उनके साथ खेलना और प्रतिभा को बढ़ावा देना एक सही दिशा में उठाया जाने वाला कदम है।"

अदालत ने कहा, "यह कहना कि उनके साथ खेलने से खेल का नुकसान होगा काफी नहीं है आप इस बात को विस्तार से समझाएं।"

अदालत ने कहा कि आप यह कहना चाहते हैं कि हम उस देश के साथ क्रिकेट नहीं खेलेंगे जिसने हाल ही में क्रिकेट खेलना शुरू किया है, जैसे की अफगानिस्तान।

विश्वनाथन ने अदालत में कहा कि अगर उन्हें (उतरपूर्वी राज्य) बीसीसीआई की स्थायी सदस्यता दी जाती है तो वह रणजी ट्रॉफी में खेलेंगे। इस पर अदालत ने कहा, "अगर वह खेलेंगे तो हारेंगे, हारेंगे तो बाहर होंगे। इसमें आपको दिक्कत क्या है? अगर अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड की टीमें खेलती हैं तो वह पहले दौर में बाहर हो जाएंगी।"

अदालत ने वरीष्ठ वकील से कहा, "बीसीसीआई को सिर्फ खेल में बदलाव की जरूरत नहीं है बल्कि उसे अपने काम में पारदर्शिता लाने के लिए भी बदलाव की जरूरत है।"

अदालत ने कहा कि कुछ साल पहले लोग जिम्बाब्वे, बांग्लादेश और अफगनिस्तान की टीमों पर भी हंसते थे लेकिन आज के समय में बांग्लादेश का प्रदर्शन देखिए।

अदालत ने ओसीए से यह पूछते हुए कि एक राज्य, एक वोट से कैसे ओडिशा में क्रिकेट पर कैसे प्रभाव पड़ेगा, कहा, "झारखण्ड में से सिर्फ महेन्द्र सिंह धौनी को छोड़ कर और कौन देश का कप्तान बना है। क्या आपके पास उस राज्य के खिलाड़ी हैं ? ओसीए ने अदालत में कहा कि मैदान पर खेल का स्तर बीसीसीआई में भागीदारी या उसमें क्षेत्रिय आधार पर काम करने से नहीं तय होता बल्कि खेल खेलने की क्षमता पर निर्भर करता है। इस पर अदालत ने बोर्ड से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सदस्यों की सूची मांगी।

सूची में कई ऐसे देशों के नाम हैं जो क्रिकेट खेलने के लिए नहीं जाने जाते । इस पर अदालत ने पूछा, "क्या रूस ने कभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में हिस्सा लिया है? क्या भूटान की टीम है? क्या आपने कभी भूटान से मैच खेला है? मामले की अगली सुनवाई दो मई को होगी।

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