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यह 'दबाव में वापसी' वाली सीरीज़: रोहित

धर्मशाला, 6 मार्च (आईएएनएस) रांची टेस्ट में इंग्लैंड के पहली पारी के 353 रनों के जवाब में भारतीय टीम एक समय 177 रन पर सात विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। वे इंग्लैंड के स्कोर से अब भी 176 रन

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Dharamshala: India's practice session ahead of the fifth Test cricket match between India and Englan
Dharamshala: India's practice session ahead of the fifth Test cricket match between India and Englan (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Mar 06, 2024 • 05:14 PM

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March 06, 2024 • 05:14 PM

धर्मशाला, 6 मार्च (आईएएनएस) रांची टेस्ट में इंग्लैंड के पहली पारी के 353 रनों के जवाब में भारतीय टीम एक समय 177 रन पर सात विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। वे इंग्लैंड के स्कोर से अब भी 176 रन पीछे थे और क्रीज़ पर ध्रुव जुरेल और कुलदीप यादव की जोड़ी थी। पहले के लिए यह सिर्फ़ दूसरा टेस्ट मैच था, वहीं दूसरा एक विशुद्ध स्पिनर की हैसियत से खेल रहा था। लेकिन दोनों के बीच 76 रनों की साझेदारी हुई और दोनों ने सुनिश्चित किया कि इंग्लैंड की बढ़त 50 रन से अधिक ना हो। इसके बाद जो हुआ, वह तो इतिहास था। भारत ने इंग्लैंड को दूसरी पारी में 145 रनों पर ऑलआउट कर पांच विकेट की आसान जीत हासिल की और सीरीज़ में 3-1 की अजेय बढ़त बना ली।

यह सीरीज़ में पहली बार नहीं था। इससे पहले भारतीय टीम ने विशाखापटनम और राजकोट टेस्ट में भी कठिन परिस्थितियों में वापसी करते हुए जीत हासिल की थी, वहीं हैदराबाद टेस्ट मैच भी बहुत नज़दीकी अंतर से हारे थे। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने इस सीरीज़ को 'वापसी वाली सीरीज़' करार दिया है।

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धर्मशाला टेस्ट की पूर्वसंध्या पर रोहित ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "इस सीरीज़ के लगभग हर मैच में हम पीछे थे और वहां से हमने वापसी की। हैदराबाद और विज़ाग में मुक़ाबला बहुत क़रीबी था, वहीं राजकोट में बड़ा स्कोर खड़ा करने के बाद भी उनके काउंटर अटैक के सामने हम पीछे हो रहे थे। लेकिन हमने तीसरे और चौथे दिन वापसी की और मैच को अपना बनाया। कुल मिलाकर यह हमारे लिए वापसी वाली सीरीज़ थी।''

"इस सीरीज़ का एक पैटर्न रहा है कि अगर हम मैच में एक दिन पीछे थे, तो अगले दिन हमने वापसी की; अगर हम एक सीज़न पीछे थे, तो अगले सीज़न में हमने आक्रमण किया। हमने दबाव को बहुत अच्छी तरह से संभाला और उसे विरोधी टीम के ऊपर शिफ़्ट किया। एक कप्तान के रूप में युवा खिलाड़ियों के दबाव से लड़ने की इस क्षमता से मैं बेहद संतुष्ट हूं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और ख़ासकर टेस्ट क्रिकेट का दबाव अलग ही होता है और इन युवा खिलाड़ियों के पास इससे पहले ऐसे दबाव से लड़ने का कोई ख़ास अनुभव नहीं था। पिछले टेस्ट का उदाहरण हम सबके सामने हैं, जहां हमने लगभग हर दिन वापसी की और हर दिन एक नए नायक बनकर उभरे।''

इस सीरीज़ में भारत के लिए रजत पाटीदार, सरफ़राज़ ख़ान, ध्रुव जुरेल और आकाश दीप जैसे युवा खिलाड़ियों ने डेब्यू किया और सिर्फ़ पाटीदार को छोड़कर लगभग सबने अपने प्रदर्शन से प्रभावित किया। हालांकि भारतीय कप्तान ने पाटीदार के ऊपर अपना भरोसा क़ायम रखा है और उनको उम्मीद है कि वह जल्द ही अपने आपको अंतर्राष्ट्रीय पटल पर उभारकर लाएंगे।

रोहित ने कहा, "पाटीदार ने निश्चित रूप से इस सीरीज़ में रन नहीं बनाए हैं, लेकिन उनके पास बहुत क्षमता है। मैंने उन्हें अच्छा क्रिकेट खेलते हुए देखा है और मैं उनको एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में देखता हूं। वह टेस्ट क्रिकेट में नए हैं और उनके लिए कोई निर्णय लेने से पहले हम उन्हें थोड़ा और समय देना चाहते हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में बहुत रन बनाए हैं और हमें उनका समर्थन करना चाहिए। जब अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में आप नए होते हैं तो आप नर्वस होते हैं और बहुत कुछ सोचते हैं। एक टीम के रूप में हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि उन पर कोई दबाव ना हो। बाक़ी टेस्ट क्रिकेट, अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट और रन बनाने का दबाव होता ही है, जिससे उन्हें ख़ुद लड़ना है। मुझे पक्का लगता है कि वह इन दबावों को अच्छी तरह से हैंडल कर लेंगे।"

धर्मशाला के इस टेस्ट के लिए पिच और मौसम पर भी काफ़ी चर्चा हो रही है और यहां तक कहा जा रहा है कि यह भारतीय क्रिकेट के मुक़ाबले इंग्लैंड के लिए यह अधिक घरेलू माहौल है। मंगलवार को भारतीय स्पिनर आर अश्विन ने भी इस बात को स्वीकार किया था। हालांकि रोहित इस बात से इत्तेफ़ाक नहीं रखते हैं। उनका मानना है कि भले ही धर्मशाला की मौसम और परिस्थितियां भारत के अन्य मैदानों के मुक़ाबले काफ़ी अलग है, लेकिन यहां पर वनडे और टी20 मैच खेलने का अनुभव उनके काम आएगा।

धर्मशाला के मैदान पर यह सिर्फ़ दूसरा टेस्ट मैच है। इससे पहले यहां पर 2017 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट मैच खेला था, जिसके सिर्फ़ तीन खिलाड़ी ही इस मैच में एकादश का हिस्सा हो सकते हैं। भारत के वर्तमान तीनों स्पिनर अश्विन, रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव उस मैच का भी हिस्सा थे और पिच को देखते हुए इस मैच में भी खेल सकते हैं, जिसे इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने 'बेल्टर' की संज्ञा दी है।

हालांकि रोहित ने मौसम और परिस्थितियों को देखते हुए तीन तेज़ गेंदबाज़ों के खेलने की संभावना से इनकार नहीं किया है। ऐसे में देखना होगा कि तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के लिए कौन स्पिनर बाहर जाता है या फिर भारत बिना कोई छेड़छाड़ किए अपनी विनिंग कॉम्बिनेशन से जाता है। उधर इंग्लैंड ने अपनी परंपरा के अनुसार मैच से एक दिन पहले ही अपनी एकादश की घोषणा कर दी है।

रांची के पिछले टेस्ट से टीम में बस एक बदलाव है और तेज़ गेंदबाज़ ऑली रॉबिंसन की जगह मार्क वुड टीम में वापस आ रहे हैं। स्टोक्स ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि टीम प्रबंधन मौसम और परिस्थितियों को देखते हुए तीन तेज़ गेंदबाज़ खिलाने पर विचार कर रही थी, लेकिन पिच को देखने के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल लिया।

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