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आईपीएल फ्रेंचाइजियों की मांग : ख़रीदे जाने के बाद अनुपलब्ध रहने वाले विदेशी खिलाड़ियों पर लगे 2 साल का प्रतिबंध

आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने ऐसे विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का प्रतिबंध लगाने की मांग की है जो नीलामी में ख़रीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के सीज़न के लिए ख़ुद को अनुपलब्ध घोषित कर देते हैं। उन्होंने आईपीएल

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IPL - India’s league benefiting foreigners for years! ‘They earn, learn, and then beat us,' feel fan
IPL - India’s league benefiting foreigners for years! ‘They earn, learn, and then beat us,' feel fan (Image Source: IANS)
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By IANS News
Aug 02, 2024 • 02:46 PM

आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने ऐसे विदेशी खिलाड़ियों पर दो साल का प्रतिबंध लगाने की मांग की है जो नीलामी में ख़रीदे जाने के बाद बिना किसी ठोस वजह के सीज़न के लिए ख़ुद को अनुपलब्ध घोषित कर देते हैं। उन्होंने आईपीएल के सामने विदेशी खिलाड़ियों को बड़ी नीलामी के लिए पंजीकरण कराने को अनिवार्य करने की मांग की है, ताकि यह खिलाड़ी अपनी सुविधा के हिसाब से बड़ी रकम की उम्मीद में छोटी नीलामी में हिस्सा नहीं ले पाएं।

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August 02, 2024 • 02:46 PM

ईएसपीएनक्रिकइंफो को पता चला है कि बुधवार को हुई बैठक में सभी 10 फ़्रैंचाइज़ियों ने दोनों बिंदुओं पर अपनी सहमति प्रदान की है।

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सीज़न शुरू होने से ठीक पहले विदेशी खिलाड़ियों का निजी कारणों का हवाला देते हुए ख़ुद को अनुपलब्ध करने से आईपीएल फ्रेंचाइजी खुश नहीं हैं। फ्रेंचाइजियों ने कहा कि इसका असर उनके प्रदर्शन पर भी पड़ता है क्योंकि टीम की रणनीति उन विदेशी खिलाड़ियों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है।

आईपीएल फ्रेंचाइजियों ने कहा कि अगर खिलाड़ियों को बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने के लिए कहा जाता है, या उन्हें चोट लग जाती है या फिर परिवार में किसी काम से वह दल से अगर नहीं जुड़ पाते हैं, तो वो ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों को अनुमति दे सकती हैं लेकिन खिलाड़ियों की अनुपलब्धता का उन्हें नीलामी के समय पता चल जाए तो बेहतर होगा।

फ्रेंचाइजियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि कई बार बेस प्राइस पर खरीदे जाने वाले खिलाड़ी नीलामी के बाद अपना नाम वापस ले लेते हैं। उन्होंने एक खिलाड़ी का उदाहरण भी दिया जिसमें खिलाड़ी के मैनेजर ने यह शर्त रखी थी ज़्यादा पैसे देने की स्थिति में वह खिलाड़ी उस फ्रेंचाइजी के लिए खेलने को तैयार हो सकता है।

फ्रेंचाइजियों ने आईपीएल से यह भी कहा कि नीलामी के पिछले दो चक्र (2018-24) के दौरान कई ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जब विदेशी खिलाड़ी छोटी नीलामी में मोटी रकम हासिल करने के लिए बड़ी नीलामी में उपलब्ध नहीं रहे। 2022 की ही बड़ी नीलामी में सबसे ज़्यादा बोली इशान किशन के लिए लगी थी, मुंबई इंडियंस ने उन्हें 15.25 करोड़ में ख़रीदा था। जबकि 2024 के लिए हुई छोटी नीलामी में मिचेल स्टार्क को 24.75 करोड़ और पैट कमिंस को 20.50 करोड़ में ख़रीदा गया था।

फ्रेंचाइजियों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है कि कई बार बेस प्राइस पर खरीदे जाने वाले खिलाड़ी नीलामी के बाद अपना नाम वापस ले लेते हैं। उन्होंने एक खिलाड़ी का उदाहरण भी दिया जिसमें खिलाड़ी के मैनेजर ने यह शर्त रखी थी ज़्यादा पैसे देने की स्थिति में वह खिलाड़ी उस फ्रेंचाइजी के लिए खेलने को तैयार हो सकता है।

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Article Source: IANS

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