दुनिया के 3 महान क्रिकेटर, जो अपने लंबे करियर में खेल पाए सिर्फ 1 टी-20I मैच
क्रिकेट जगत में ऐसे कई महान खिलाड़ी रहे जिनका करियर दशकों से भी लंबा रहा लेकिन वो अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में सिर्फ 1 ही टी-20I मैच खेल पाए।
ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने 2004 में पहली बार टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। उस समय शायद किसी ने नहीं सोचा होगा कि क्रिकेट के इस फॉर्मैट को इतना ज्यादा प्यार मिलेगा। 2004 के बाद से लेकर आजतक टी-20 फॉर्मैट फैंस और खिलाड़ियों का चहेता फॉर्मैट बन गया है। कुछ महान क्रिकेटरों ने टेस्ट और वनडे दोनों प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन जब टी-20 फॉर्मैट की शुरुआत हुई तो ये महान खिलाड़ी अपने करियर के अंत की तरफ थे और शायद यही कारण भी था कि टेस्ट और वनडे में रनों का अंबार लगाने वाले ये महान खिलाड़ी अपने करियर में सिर्फ एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेल पाए। चलिए आपको उन तीन महान खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं।
1. सचिन तेंदुलकर
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टेस्ट और वनडे क्रिकेट दोनों में, सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के नाम है। इसके साथ ही सचिन के नाम पर 100 अंतरराष्ट्रीय शतकों का रिकॉर्ड भी दर्ज है और ऐसा लग रहा है कि उनका ये रिकॉर्ड शायद ही कोई बल्लेबाज़ तोड़ पाएगा। इतना शानदार करियर होने के बावजूद सचिन केवल एक टी20 अंतरराष्ट्रीय में ही भाग ले पाए और ये भारत का टी-20 फॉर्मैट में पहला ही मैच था।
भारत ने अपना पहला टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2006 में जोहान्सबर्ग में खेला था। 127 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए, सचिन तेंदुलकर और टीम के कप्तान वीरेंद्र सहवाग ने बल्लेबाजी की शुरुआत की। इस मैच में सचिन सिर्फ 10 रन बना पाए थे और चार्ल लैंगवेल्ट की गेंद पर आउट हुए थे और शायद किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये सचिन का पहला और आखिरी टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच होगा।
2 राहुल द्रविड़
राहुल द्रविड़ को टेस्ट और वनडे क्रिकेट का आइकन माना जाता है। कर्नाटक का ये खिलाड़ी खेल के उन सात खिलाड़ियों में से एक है, जिन्होंने दो लंबे प्रारूपों में 10,000 से अधिक रन बनाए हैं, जिसमें क्रमशः 13288 टेस्ट रन और 10889 वनडे रन शामिल हैं। राहुल द्रविड़ ने सचिन तेंदुलकर की तरह ही भारत के लिए सिर्फ एक टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच ही खेला है। उनका एकमात्र टी-20 मैच साल 2011 में था। भारत इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज के चारों मैच हार गया था लेकिन उस सीरीज में भारत के लिए पॉजीटिव सिर्फ द्रविड़ थे क्योंकि उन्होंने चार टेस्ट में तीन शतक लगाए थे।
द्रविड़ को उनके मजबूत टेस्ट प्रदर्शन के कारण इंग्लैंड दौरे के सीमित ओवरों की टीम के लिए भी चुना गया था। उन्होंने अपना पहला टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच मैनचेस्टर में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। द्रविड़ ने 21 गेंदों में 31 रनों की तेज पारी खेली, जो इस प्रारूप के तहत उनका एकमात्र अंतरराष्ट्रीय मैच था, जिसमें स्पिनर समित पटेल के खिलाफ लगातार तीन छक्के भी शामिल थे।
3. इंज़माम उल हक
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और 1992 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे इंजमाम-उल-हक इस सूची में एक और खिलाड़ी हैं। हक के नाम पर वनडे मैचों में पाकिस्तान के लिए सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड है, इसके अलावा इंज़माम टेस्ट टीम का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे। वो एक मजबूत मध्यक्रम के बल्लेबाज थे जो किसी भी परिस्थिति में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम थे। इंजमाम-उल-हक ने 2006 में ब्रिस्टल में अपने उद्घाटन टी20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान का नेतृत्व किया। उस मैच में कप्तान इंज़माम ने नाबाद 11 रनों की पारी खेली और पाकिस्तान ने इंग्लैंड के 145 रनों के निर्धारित लक्ष्य को आसानी से हासिल कर लिया।
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उस समय पाकिस्तानी फैंस ने सोचा था कि ये इंज़माम के टी-20 करियर की शुरुआत होगी लेकिन ये शुरुआत ही उनके टी-20 करियर का अंत साबित हुई और वो सिर्फ एक ही मैच खेल पाए।