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1987 वर्ल्ड कप का पूरा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया कुछ ऐसे बना पहली बार वर्ल्ड चैंपियन

1987 में ऐसा पहली बार हुआ था कि कोई वर्ल्ड कप इंग्लैंड से बाहर किसी देश में खेला गया था। 1983 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारत को इस वर्ल्ड कप को अपनी धरती पर डिफेंड करना था लेकिन

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1987 वर्ल्ड कप का पूरा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया कुछ ऐसे बना पहली बार वर्ल्ड चैंपियन
1987 वर्ल्ड कप का पूरा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया कुछ ऐसे बना पहली बार वर्ल्ड चैंपियन (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Sep 16, 2023 • 04:00 PM

इंग्लैंड की धरती पर 1983 का वर्ल्ड कप जीतने के बाद भारतीय टीम को 4 साल बाद अपनी ही धरती पर ट्रॉफी को डिफेंड करने का मौका मिला। ये क्रिकेट इतिहास का चौथा क्रिकेट वर्ल्ड कप था। ये टूर्नामेंट साल 1987 में 8 अक्टूबर से 8 नवंबर तक भारत और पाकिस्तान में आयोजित किया गया था। ये इंग्लैंड के बाहर आयोजित होने वाला पहला ऐसा टूर्नामेंट था। इस वर्ल्ड कप से ही एक टीम द्वारा खेले जाने वाले ओवरों की संख्या 60 से घटाकर 50 कर दी गई थी।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
September 16, 2023 • 04:00 PM

फॉर्मैट

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हर बार की तरह इस बार भी चार-चार टीमों के दो ग्रुप थे। प्रत्येक टीम दो बार एक-दूसरे से खेलती थी। प्रत्येक ग्रुप से टॉप दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंची जिसके बाद दो विजेता टीमें फाइनल में एक दूसरे के सामने पहुंची। सभी मैच दिन के समय खेले गए और टूर्नामेंट के इतिहास में आखिरी बार टीमें पारंपरिक सफेद कपड़ों में दिखाई दीं और पारंपरिक लाल गेंद का उपयोग किया गया।

योग्यता

आईसीसी ने आदेश दिया कि टेस्ट दर्जा रखने वाले सभी सात (योग्य) देश टूर्नामेंट के लिए ऑटोमैटिकली क्वालिफाई करेंगे। इसके अलावा 8वीं टीम 1986 आईसीसी ट्रॉफी की विजेता होगी। दूसरी बार भी जिम्बाब्वे की टीम ही 8वीं टीम के रूप में पहुंची थी।

4-4 टीमों का ग्रुप

वर्ल्ड कप में खेलने वाली 8 टीमों को 2 ग्रुप में बांटा गया। ग्रुप ए में भारत, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और जिम्बाब्वे की टीमें थी जबकि ग्रुप बी में पाकिस्तान, इंग्लैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज की टीमें थी। ग्रुप स्टेज में सभी टीमो के बीच कांटे के मुकाबले देखने को मिले लेकिन भारत, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड की टीमें सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई करने में सफल रही। पिछले तीन वर्ल्ड कप फाइनल खेलने वाली वेस्टइंडीज की टीम इस वर्ल्ड कप के ग्रुप चरण में ही बाहर हो गई।

पहले सेमीफाइनल की कहानी

पहला सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच लाहौर में खेला गया जहां ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने बहुत अच्छी शुरुआत की और उन्होंने तेजी से रन बनाए, जिसमें डेविड बून (91 गेंदों में 65, 4 चौके) ने सबसे ज्यादा स्कोर बनाया। ऑस्ट्रेलिया मजबूत बल्लेबाजी के दम पर 300 के पार पहुंचता दिख रहा था लेकिन इमरान खान ने 5 ओवर में 17 रन देकर 3 विकेट झटककर पाकिस्तान की कुछ हद तक मैच में वापसी कराई। ऑस्ट्रेलिया ने निर्धारित 50 ओवरों में 6 विकेट खोकर 267 रन बनाए। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए पाकिस्तान की शुरुआत खराब रही और उन्होंने अपने शुरुआती तीन विकेट सिर्फ 38 रन पर गंवा दिए। इमरान खान (84 गेंदों पर 58, 4 चौके) और जावेद मियांदाद (103 गेंदों पर 70, 4 चौके) ने 26 ओवरों में 112 रनों की साझेदारी की। हालांकि, जब मियांदाद का विकेट गिरा तब आवश्यक रन रेट 7.87 रन था, आने वाले बल्लेबाजों के लिए बहुत कुछ करना बाकी था लेकिन पुछल्ले बल्लेबाजों ने सरेंडर कर दिया और पाकिस्तान की पूरी टीम 249 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इससे पहले स्टीव वॉ ने सलीम जाफर द्वारा फेंके गए 50वें ओवर में 18 रन बनाए थे और विडंबना ये रही कि पाकिस्तान 18 रन से ही ये मैच हार गया।

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