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दीपक, हुसामुद्दीन और निशांत ने रिकॉर्ड संख्या में पदक पक्के किए

भारत के मुक्केबाज दीपक भोरिया (51 किग्रा), हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने बुधवार को इतिहास रच दिया। इन तीनों ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में चल रही आईबीए मेन्स वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में...

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IANS News
By IANS News May 11, 2023 • 10:39 AM
Men's World Boxing C'ships: Deepak, Hussamuddin and Nishant assure record three medals for India
Men's World Boxing C'ships: Deepak, Hussamuddin and Nishant assure record three medals for India (Image Source: Google)

भारत के मुक्केबाज दीपक भोरिया (51 किग्रा), हुसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने बुधवार को इतिहास रच दिया। इन तीनों ने उज्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में चल रही आईबीए मेन्स वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपने-अपने भार वर्ग के सेमीफाइनल में पहुंचकर अपने लिए कम से कम कांस्य पदक पक्का कर लिया है।

भारतीय पुरुष मुक्केबाजों ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार कम से कम तीन पदक हासिल किए हैं। इससे पहले, भारतीय पुरुष मुक्केबाजों का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2019 में आया था जब मनीष कौशिक और अमित पंघल ने देश के लिए पदक जीते थे।

दिन के पहले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में दीपक ने किर्गिस्तान के दियुशेबाएव नूरझिगित को 5-0 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया और साथ ही अपने लिए कम से कम कांस्य पदक सुरक्षित किया।

भारतीय मुक्केबाज ने शुरू से ही मैच में अपना दबदबा बनाए रखा और अपनी तेज गति और रिंग इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हुए पहला राउंड आसानी से जीत लिया। दूसरे राउंड में भी दीपक ने अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ अपने प्रतिद्वंद्वी के आक्रमण को कुशलता से बेकार किया और मैच में आगे बने रहे।

तीसरे राउंड में दीपक ने चालाकी से खेल दिखाया और नूरझिगित के तेज हमलों को नाकाम कर दिया। इस रणनीति ने भारतीय मुक्केबाज के लिए सकारात्मक रूप से काम किया। इसी की बदौलत दीपक ने बाउट आराम से जीत ली। अब सेमीफाइनल में दीपक का सामना शुक्रवार को फ्रांस के बी बेनामा से होगा।

इस बीच, हुसामुद्दीन ने बुल्गारिया के जे. डियाज इब्नेज को 4-3 के बंटे हुए फैसले से हराकर मौजूदा टूर्नामेंट में भारत के लिए एक और पदक पक्का किया।

शुरूआत से ही दोनों मुक्केबाजों के बीच कांटे की टक्कर चली। हुसामुद्दीन को इब्नेज की मूवमेंट्स को भांपने में कुछ समय लगा। इस साउथपा ने ने डिफेंस के लिए अपनी स्पीड और मूवमेंट का उपयोग किया और काउंटर-पंचिंग करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वी पर कुछ भारी वार किए।

भारतीय मुक्केबाज के लिए दूसरा राउंड काफी आरामदायक था। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी के हमलों को जल्दी से भांप लिया और बदले में भारी मुक्के मारे। तीसरे राउंड में देखा गया कि दोनों मुक्केबाजों ने सावधानी बरती और काफी आक्रामक हो गए लेकिन हुसामुद्दीन ने जीत हासिल करने के लिए अपने काम्बीनेशन का अच्छी तरह से इस्तेमाल किया।

मैच के बाद हुसामुद्दीन ने कहा, यह एक कठिन बाउट थी क्योंकि मेरा प्रतिद्वंद्वी वास्तव में रफ खेल रहा था और इससे मुझे कुछ परेशानी हुई लेकिन किसी तरह मैं जीत गया और अगले दौर में आगे बढ़ गया। मैंने बाउट से पहले कोच के साथ योजना बनाई थी और मैच में पूरी तरह से उस योजना पर कायम रहा। हमारी योजना थी कि मैं रिंग में आगे बढ़ता रहूंगा और अपने प्रतिद्वंद्वी को हमला करने के लिए मुझ तक पहुंचने के लिए बाध्य करूं। इस योजना ने पूरी तरह से काम किया। मैंने बाउट में अंक हासिल करने के लिए सही समय पर बहुत सारे साइड ब्लो मारे।

उन्होंने आगे कहा, मैं भारत के लिए पदक हासिल करने के बाद वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। अब मैं स्वर्ण पदक से सिर्फ दो कदम दूर हूं। मुझे विश्वास है कि मैं इस टूर्नामेंट में स्वर्ण जीतूंगा।

शुक्रवार को होने वाले सेमीफाइनल मैच में हुसामुद्दीन का मुकाबला क्यूबा के सैदेल होर्ता से होगा।

दूसरी ओर, निशांत देव ने क्यूबा के जॉर्ज कुएलर को एकतरफा अंदाज में 5-0 हराकर भारत के लिए दिन का तीसरा पदक सुरक्षित किया। भारतीय मुक्केबाज के सामने एक लंबे कद का प्रतिद्वंद्वी था, लेकिन उन्होंने पहले राउंड में अपने प्रतिद्वंद्वी पर बढ़त हासिल करने के लिए अपने मूवमेंट्स और सटीक मुक्कों का इस्तेमाल किया।

दूसरा राउंड भी भारतीय मुक्केबाज के पक्ष में गया क्योंकि उन्होंने कुएलर को अंक हासिल करने से रोकते हुए खुद को आगे बनाए रखा। निशांत ने तीसरे राउंड में भी अपने आक्रामक इरादे को जारी रखा और देश के लिए पदक सुनिश्चित किया।

मैच के बाद निशांत ने कहा, एकतरफा फैसले से क्यूबा के मुक्केबाज के खिलाफ मैच जीतने के बाद बहुत अच्छा लग रहा है। हमारी रणनीति पहले राउंड से प्रतिद्वंद्वी पर दबाव बनाने और पूरे बाउट के दौरान मानसिक रूप से मजबूत रहने की थी। मैं फाइनल में पहुंचने के लिए भी इस सकारात्मक मानसिकता को अपनाऊंगा। विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक हासिल करना बहुत अच्छा अहसास है लेकिन मैं स्वर्ण पदक के साथ भारत वापस आना चाहता हूं।

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निशांत देव शुक्रवार को सेमीफाइनल मैच में कजाकिस्तान के एशियाई चैंपियन असलानबेक शिमबर्गेनोव से भिड़ेंगे।


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