Saina, Sindhu climbed to the top of the ladder that Gopichand set up. (Image Source: IANS)
दशकों से अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में भारत की उपलब्धियां पुरुष वर्ग तक ही सीमित थीं, जिसमें दिनेश खन्ना, प्रकाश पादुकोण और पुलेला गोपीचंद जैसे शटलर हावी थे।
पादुकोण और गोपीचंद क्रमश: 1980 और 2001 में प्रतिष्ठित आल-इंग्लैंड खिताब जीतने वाले एकमात्र भारतीय हैं, जबकि खन्ना ने किंग्स्टन, जमैका में 1966 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता था।
देश ने मधुमिता बिष्ट, मंजूषा कंवर और अपर्णा पोपट सहित कुछ मजबूत महिला खिलाड़ियों को तैयार किया, जिन्हें अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में सीमित सफलता मिली थी।