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राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक के आने से भारतीय खेलों को नया जीवन मिलेगा: कल्याण चौबे

West Bengal Chief Minister Mamata: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे का मानना ​​है कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के आने से भारतीय खेलों को जमीनी स्तर के बुनियादी ढांचे से लेकर सभी खेलों में खेल महासंघों के सुचारू संचालन तक को बढ़ावा मिलेगा।

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IANS News
By IANS News October 17, 2024 • 20:50 PM
AIFF President Kalyan Chaubey urges West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee to reinstate Durand C
AIFF President Kalyan Chaubey urges West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee to reinstate Durand C (Image Source: IANS)

West Bengal Chief Minister Mamata: अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे का मानना ​​है कि राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के आने से भारतीय खेलों को जमीनी स्तर के बुनियादी ढांचे से लेकर सभी खेलों में खेल महासंघों के सुचारू संचालन तक को बढ़ावा मिलेगा।

चौबे की यह टिप्पणी गुरुवार को केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मंडाविया द्वारा भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए), राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) और राष्ट्रीय खेल संवर्धन संगठनों (एनएसपीओ) के साथ राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 के मसौदे पर हितधारकों की परामर्श बैठक की अध्यक्षता करने के बाद आई है।

चौबे ने एक बयान में कहा, “राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2024 का आना एक ऐतिहासिक अवसर है जो भारतीय खेलों को नया जीवन और दिशा देगा। यह बदलाव का एक नया रास्ता भी खोलता है। हमें उम्मीद है कि यह विधेयक जमीनी स्तर से लेकर वरिष्ठ स्तर तक सभी खेलों में विकास की गुणवत्ता को निश्चित रूप से बढ़ाएगा। इससे विभिन्न विवाद समाधान तंत्रों में अनावश्यक देरी से बचने के लिए बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में भी मदद मिलेगी और अनावश्यक समय की बर्बादी से बचने तथा खेलों के मानक को बेहतर बनाने के लिए गुणवत्तापूर्ण समय लाने के लिए कई विकल्प उपलब्ध होंगे।"

बैठक में युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा और मिशन ओलंपिक सेल तथा केंद्रीय मंत्रालयों के खेल नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय मसौदा विधेयक के अंतिम रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ने के साथ ही विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के लिए एक प्रगतिशील और टिकाऊ खेल प्रशासन ढांचे को आकार देने में एथलीटों, प्रशासकों, विशेषज्ञों और जनता की आवाज को शामिल किया जा सके।

विभिन्न एनएसएफ, एनएसपीओ और आईओए के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। उन्होंने प्रस्तावित शासन सुधारों, एथलीट कल्याण उपायों और खेलों के प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने पर अपने दृष्टिकोण साझा किए। चर्चा में एथलीटों के अधिकारों की सुरक्षा, खेल निकायों के कामकाज को सुव्यवस्थित करने और भारत की वैश्विक खेल स्थिति को बढ़ाने जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। मंत्री ने हितधारकों को आश्वासन दिया कि मसौदा विधेयक को परिष्कृत करने में उनके सुझावों पर सावधानीपूर्वक विचार किया जाएगा। उन्होंने निष्पक्ष खेल, समावेशिता और एथलीटों के समग्र विकास को प्रोत्साहित करने वाला माहौल बनाकर भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के मंत्रालय के दृष्टिकोण को दोहराया।

बैठक में युवा मामले एवं खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी.टी. उषा और मिशन ओलंपिक सेल तथा केंद्रीय मंत्रालयों के खेल नियंत्रण बोर्डों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। युवा मामले एवं खेल मंत्रालय मसौदा विधेयक के अंतिम रूप लेने की दिशा में आगे बढ़ने के साथ ही विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत के लिए एक प्रगतिशील और टिकाऊ खेल प्रशासन ढांचे को आकार देने में एथलीटों, प्रशासकों, विशेषज्ञों और जनता की आवाज को शामिल किया जा सके।

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Article Source: IANS


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