Asian Games: महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक छोटे से गांव की रहने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम की मिडफील्डर वैष्णवी विट्ठल फाल्के अपने पिता के सपने को जी रही हैं। वैष्णवी हांगझाऊ में शुरू होने वाले 19वें एशियाई खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए तैयार हैं।
वैष्णवी के पिता विट्ठल फाल्के एक किसान हैं, जो कभी पहलवान हुआ करते थे। इतना ही नहीं उन्होंने महाराष्ट्र में एक क्षेत्रीय कुश्ती प्रतियोगिता में भाग भी लिया था। हालांकि प्रतियोगिता जीतने का उनका सपना अधूरा रह गया लेकिन खेल के प्रति उनका जुनून उनकी बेटी के माध्यम से जीवित है।
वैष्णवी ने एक हॉकी खिलाड़ी के रूप में अपने पहले कदम के बारे में बताते हुए कहा, "जब मेरे पिता युवा थे तब वो पहलवान हुआ करते थे लेकिन वह बड़ी लीग में जगह नहीं बना सके। इसलिए, उन्होंने मुझमें अपना सपना जिंदा रखा और उम्मीद जताई कि मैं देश के लिए खेलूंगी। उन्होंने मुझे खेलों में आगे बढ़ने के लिए 2011 में श्री शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बालेवाड़ी, पुणे भेजा और कई खेलों में हाथ आजमाने के बाद मैंने हॉकी खेलने का फैसला किया।"