Nishad Kumar , (Image Source: IANS)
Nishad Kumar: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है। कुछ ऐसी ही शख्सियत निषाद कुमार की है, जिन्होंने देश-दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई है और अब सफलता की मिसाल बन गए हैं।
निषाद ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की हाई जंप टी 47 स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता। इससे पहले टोक्यो में भी उनके नाम रजत पदक था। उनके समर्पण ने उन्हें भारतीय पैरा-एथलेटिक्स में एक चमकता सितारा बना दिया है।
इस पैरा एथलीट का मानना है कि उनकी सफलता के पीछे उनकी मां का हाथ रहा है। हाथ गंवाने के बाद जब निषाद पूरी तरह से टूट चुके थे, तब उनकी मां ने उन्हें कभी यह महसूस नहीं होने दिया कि वह दिव्यांग हो गए हैं।