मार्टिना देवी की आदर्श हैं कुंजारानी
मध्य प्रदेश में इन दिनों खेलों के महाकुंभ खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश भर के खिलाड़ियों का जमावड़ा है। इस दौरान हर खिलाड़ी अपने स्तर पर नया कीर्तिमान गढ़ने को आतुर है बल्कि उनकी सफलता की कहानी भी सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक भारोत्तोलक खिलाड़ी हैं मार्टिना देवी जिनके लिए कुंजारानी आदर्श हैं।
मध्य प्रदेश में इन दिनों खेलों के महाकुंभ खेलो इंडिया यूथ गेम्स में देश भर के खिलाड़ियों का जमावड़ा है। इस दौरान हर खिलाड़ी अपने स्तर पर नया कीर्तिमान गढ़ने को आतुर है बल्कि उनकी सफलता की कहानी भी सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक भारोत्तोलक खिलाड़ी हैं मार्टिना देवी जिनके लिए कुंजारानी आदर्श हैं।
मार्टिना देवी पहले ही खेलो इंडिया यूथ गेम्स के इतिहास की सबसे बड़ी सुपरस्टार बनकर सामने आ चुकी हैं। पिछले साल पंचकुला में इस मणिपुरी भारोत्तोलक ने कुल आठ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए।
प्रमध्यप्रदेश में जारी खेलो इंडिया यूथ गेम्स में मार्टिना लगातार चौथी बार भाग लेने के लिए तैयार हैं और इस बार और अधिक रिकॉर्ड बनाने का लक्ष्य रखा है। लखनऊ में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में प्रशिक्षण लेने वाली मार्टिना ने कहा कि मैं इस बार केआईवीजी में और बेहतर करना चाहती हूं और अधिक रिकॉर्ड बनाना चाहती हूं।
खेलो इंडिया पंचकुला में एक शानदार अभियान के बाद, मार्टिना ने पिछले साल हिमाचल प्रदेश के साथ मोदी नगर में खेलो इंडिया यूथ एंड वूमेन नेशनल रैंकिंग टूनार्मेंट में रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने नागरकोइल तमिलनाडु में वेटलिफ्टिंग नेशनल के दौरान नए रिकॉर्ड भी स्थापित किए।
मार्टिना अपने पिता, जो मणिपुर के एक गांव में दुकान चलाते हैं और कुंजारानी देवी को भारोत्तोलन में उनके लिए मार्ग प्रशस्त करने का श्रेय देती हैं। मार्टिना ने कहा कि जब मैं भारोत्तोलन में जाना चाहती थी, तब मैं चौथी कक्षा में थी। कुंजरानी देवी से मुझे बचपन से ही काफी प्रेरणा मिलती थी। मेरे पापा ने मेरी इच्छा का सम्मान किया और जब मैं कक्षा पांचवीं में थी, तो उन्होंने मुझे एक वेटलिफ्टिंग स्कूल में दाखिला दिला दिया था। मैं उसके बाद से खेल और पढ़ाई में संतुलन बनाते हुए यहां तक पहुंची हूं।
मार्टिना का कहना है कि वर्ष 2019 से ही उन्होंने खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ देना शुरू कर दिया था। जब वे कक्षा 8वीं में थीं, तभी उनके पिता ने उन्हें दूसरे स्कूल में दाखिला दिला दिया था।
मार्टिना के जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ तब आया, जब वे वर्ष 2020 में साई एनसीओई लखनऊ का हिस्सा बनीं। मार्टिना ने कहा कि लखनऊ में साई केंद्र में शामिल होने के बाद, उनका खेल अगले स्तर पर चला गया था। केंद्र में सभी ने उनकी बहुत मदद की और उन्हें जो कोचिंग और समर्थन मिला है वह असाधारण है।
मार्टिना का कहना है कि वर्ष 2019 से ही उन्होंने खेल में अपना सर्वश्रेष्ठ देना शुरू कर दिया था। जब वे कक्षा 8वीं में थीं, तभी उनके पिता ने उन्हें दूसरे स्कूल में दाखिला दिला दिया था।
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