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BCCI ने रद्द की मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन की पूर्णकालिक सदस्यता, इन राज्यों को लाभ

मुंबई, 20 मार्च (CRICKETNMORE)| मुंबई से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्ण सदस्य का दर्जा छीन लिया गया है। वहीं प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को बोर्ड की पूर्ण सदस्यता देने का फैसला किया है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma March 20, 2017 • 09:43 AM
 Mumbai Cricket Association ousted from BCCI's full membership
Mumbai Cricket Association ousted from BCCI's full membership ()
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मुंबई, 20 मार्च (CRICKETNMORE)| मुंबई से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्ण सदस्य का दर्जा छीन लिया गया है। वहीं प्रशासकों की समिति (सीओए) ने पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को बोर्ड की पूर्ण सदस्यता देने का फैसला किया है। मुंबई के साथ विदर्भ, सौराष्ट्र, बड़ौदा को भी बोर्ड की मतदान के अधिकार से वंचित कर दिया गया है। साथ ही इनकी पूर्ण सदस्य की मान्यता भी रद्द कर दी गई है।

सर्वोच्च अदालत द्वारा बोर्ड का कामकाज देखने के लिए नियुक्त की गई सीओए ने शनिवार रात को बीसीसीआई के नियम-कानूनों में बदलाव किए हैं। देश के सभी 30 राज्यों को बोर्ड की पूर्ण सदस्यता दी गई है। 

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बीसीसीआई की वेबसाइट पर जारी किए गए संशोधनों के मुताबिक, "एक राज्य में कई सदस्य होने के कारण पूर्ण सदस्यता वार्षिक तौर पर बदली जाएगी ताकि सिर्फ एक सदस्य ही एक समय पर पूर्ण सदस्य के रूप में अपने वोट का उपयोग कर सके।"

लोढ़ा समिति की एक राज्य एक वोट की सिफारिश को मानते हुए सीओए ने यह फैसला लिया है। नए बदलाव के अनुसार महाराष्ट्र क्रिकेट संघ (एमसीए), गुजरात क्रिकेट संघ को इन दो राज्यों में मौजूद अलग-अलग संघों में से चुना गया है। सभी सरकारी संघों के साथ क्रिकेट क्लब ऑफ इंडिया (सीसीआई), राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब (एनसीसी) की भी सदस्यता रद्द कर दी गई है। 

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बयान में लिखा है, "हर राज्य का प्रतिनिधित्व बीसीसीआई द्वारा मान्यता प्राप्त संघ ही करेगी और यह संघ बोर्ड की पूर्ण सदस्य होगी। किसी भी समय एक राज्य से एक से ज्यादा संघ बोर्ड की पूर्ण सदस्यता की हकदार नहीं होंगी।"

बयान में कहा गया है, "वार्षिक आम सभा या विशेष सभा में प्रत्येक पूर्ण सदस्य को सिर्फ एक वोट ही करने का अधिकार होगा। अस्थायी सदस्य के पास वोट करने का अधिकार नहीं होगा।"

70 साल की आयु सीमा के छोड़कर यह साफ है कि बीसीसीआई और राज्य संघों में अलग-अलग नौ साल का कार्यकाल वाली सिफारिश को भी मंजूरी मिल गई है। 

नए बदलाव के तहत बीसीसीआई राज्य संघों, अस्थायी सदस्यों और संबद्ध सदस्यों को दिए जाने वाले पैसे की जांच के लिए एक स्वतंत्र ऑडिटर नियुक्त करेगी।

 


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