फाइनल में पहली बार पहुंचा मेजबान इंग्लैंड

Updated: Fri, Jan 30 2015 04:20 IST

20 जून 1979 को वर्ल्ड कप का पहला सेमीफाइनल मेनचेस्टर पर इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया। एक तरफ जहां न्यूजीलैंड की टीम सबको चकित करते हुए सेमीफाइनल में पहुंची तो वहीं इंग्लैंड ने लीग राउंड में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। 

न्यूजीलैंड के कप्तान मार्क बर्गेस ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फैसला किया। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को पूरे मैच में बांध कर रखा। सर रिचर्ड हैडली ने 12 ओवर में 32 रन देकर केवल एक विकेट लिया लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खुलकर रन नहीं बनानें दिए और इंग्लैंड के बल्लेबाजों के ऊपर से दबाव पूरे बल्लेबाजी के दौरान हटा नहीं।

एक समय इंग्लैंड का स्कोर 5 विकेट 145 रन था जिससे लगने लगा कि मैच में इंग्लैंड की पारी जल्द ही खत्म हो जाएगी। मगर माइक ब्रेअरले , ग्राहम गूच और डेरेक रन्दल्ल की साहसिक पारी की बदौलत इंग्लैंड की पारी में सुधार आया और अंत तक इंग्लैंड के स्कोर को किसी तरह से 8 विकेट पर 60 ओवरों में 221 रन पर पहुंचाया। 


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ग्राहम गूच ने 71 रन की पारी खेली जिससे इंग्लैंड को सम्मानजनक स्कोर पर पहुंचने में काफी मदद मिली। इंग्लैंड के ओपनिंग बल्लेबाज माइक ब्रेअरले ने 52 रन बनाएं तो अंतिम क्षणों में डेरेक रन्दल्ल तेजी से 50 गेंद पर 42 रन बनाकर मैच में इंग्लैंड की स्थिति को सम्मान के लायक बनाया।

न्यूजीलैंड के लिए यह बेहद सुनहरा मौका था। 60 ओवरों में 222 रन बनाकर मैच जीतने के ईरादे से मैदान पर उतरी न्यूजीलैंड टीम के ओपनरों ने संभलकर पारी की शुरूआत की। न्यूजीलैंड के दोनों ओपनर बल्लेबाज जॉन राइट और ब्रूस एड्रिअन एडगर ने 16 ओवरों में 47 रन बना लिए। 47 रन के कुल स्कोर पर एड्रिअन एडगर को क्रिस ओल्ड ने एलबीडबल्यू आउट कर इंग्लैंड को पहली सफलता दिलाई ।न्यूजीलैंड का पहला विकेट गिरने के बाद इंग्लैंड के गेंदबाजों ने मैच में वापसी करते हुए हॉवर्थ और जरेमी कौनी को सस्ते में निपटा कर न्यूजीलैंड के स्कोर का हाल 3 विकेट 104 रन हो गया।

न्यूजीलैंड के 3 विकेट 104 रन पर खो जाने के बाद भी उम्मीद और आशाएं न्यूजीलैंड की ही टीम के साथ थी क्योंकि उस समय तक न्यूजीलैंड के ओपनर बल्लेबाज जॉन राइट बेहद ही उम्दा बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक बनाकर क्रीज पर मौजूद थे।  नॉट आउट थे जिससे न्यूजीलैंड क्रिकेट की उम्मीद जॉन राइट पर जा टिकी। लेकिन टीम के स्कोर में केवल 8 रन ही जुड़े थे कि जॉन राइट डीप स्कवेयर लेग पर फिल्डिंग कर रहे डेरेक रन्दल्ल के शानदार फिल्डिंग का शिकार हुए और 69 रन के निजी स्कोर पर रन आउट हो गए। जॉन राइट के आउट होते ही न्यूजीलैंड के टीम के नीचे से जमीं खिसक सी गई और न्यूजीलैंड के ऊपर से हार का खतरा मंडराने लगा।

इयन बॉथम औऱ माइक हैंड्रिक ने बाकी के न्यूजीलैंड बल्लेबाजों को जमने नहीं दिया और थोड़े – थोड़े अंतराल में विकेट लेकर न्यूजीलैंड की टीम को लक्ष्य पर पहुंचने के संभावनाओं को निरस्त कर दिया। न्यूजीलैंड को अंतिम 6 गेंद पर 14 रन की जरूरत थी। 

अंतिम ओवर में बॉथम ने किय और इंग्लैंड को 9 रनों से जीत मुकम्मल कराकर फाइनल में प्रवेश करा दिया।  बॉथम ने एक विकेट अपने झोली में डाली तो वहीं माइक हैंड्रिक ने 3 कीवी बल्लेबाजों को पवेलियन में पहुंचाकर न्यूजीलैंड के फाइनल में पहुंचने के ख्वाव को तोड़ दिया था।

इंग्लैंड के बल्लेबाज ग्राहम गूच को उनके संघर्ष से भरी मैच जिताऊ पारी के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया। ग्राहम गूच ने 71 रन की पारी में 84 गेंद का सामना करते हुए 1 चौके और 3 छक्के जड़े। 

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