साउथ अफ्रीका को इंग्लैंड ने नहीं रेन रूल ने हराया था

Updated: Mon, Feb 09 2015 01:38 IST

1992 के वर्ल्ड कप में क्रिकेट के मैदान कुछ ऐसे हैरतंगेज फैसले हुए जिसने इस वर्ल्ड कप रोमांच के साथ – साथ कुछ टीमों के लिए ठगन का काम किया था। 1992 वर्ल्ड के दूसरे सेमीफाइनल में कुछ ऐसा घटा था जो  क्रिकेट प्रेमियों के लिए किसी मजाक से कम नहीं था। 4 वर्ल्ड कप तक बैन झेलने वाली साउथ अफ्रीका की टीम ने 1992 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर के सेमीफाइनल तक का सफऱ तय किया था। वर्ल्ड कप में सबसे मजबूत दावेदार के रूप में इंग्लैंड की टीम आशा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में पहुंची थी। सेमीफाइनल जैसे अहम मुकाबले में रेन रूल के चलते यह मुकाबला एकतरफा होकर रह गया था। 

22 मार्च 1992 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर डे नाइट मैच में साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड की टीम आमनें – सामनें थी। साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फैसला किया था। खेल शुरू होने से पहले ही बारिश ने खलल डाल दिया। बारिश से बाधित होने के कारण मैच को 10 मिनट देरी से शुरू किया गया था। बारिश से बाधित होने के बाद भी मैच को तय ओवर सीमा के तहत ही शुरू किया गया था। मैच के इंटरवल के समय को खत्म कर इसकी भरपाई की गई थी। 

इंग्लैंड की शुरूआत अच्छी नहीं रही और कप्तान ग्राहम गूच केवल 2 रन बनाकर एलन डोनाल्ड का शिकार बन गए थे। यहां तक की इस वर्ल्ड कप में पिंच हिटर के नाम से मशहूर हुए इयन बॉथम भी उस मैच में अफ्रीकी गेंदबाजों के सामने बेवस नजर आ रहे थे। 21 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर मेरिक प्रिंगल ने बॉथम को क्लीन बोल्ड कर दिया था। जिसके चलते इंग्लैंड की टीम बैक फुट पर आ गई थी। लेकिन इंग्लैंड के बल्लेबाज ग्रीम हिक ने मैच में कमाल की बल्लेबाजी करते हुए शानदार 90 गेंद पर 83 रन की पारी खेली थी। हिक को इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों का भरपूर साथ मिला था। जिस समय इंग्लैंड की टीम का स्कोर 45 ओवर में 6 विकेट पर 252 रन था तब अंपायर ने इंग्लैंड की पारी की समाप्ती का निर्देश दे दिया था। इसके पीछे यह कहा गया था कि साउथ अफ्रीकन गेंदबाज निर्धारित समय 6 बजकर 10  मिनट पर पारी के 50 ओवर नहीं कर पाए थे जिसके कारण मैच को उसी वक्त खत्म कर दिया गया था। इसके बाद साउथ अफ्रीका को 45 ओवर में 253 रन का लक्ष्य मिला। 

253 रन का लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका की शुरूआत अच्छी नहीं रही । अफ्रीकन ओपनर के.सी. केपलर वेसल्स केवल 17 रन बनाकर आउट हो गए थे। लेकिन एंड्रयू हडसन 46 रन की पारी खेलकर कुछ हद तक अफ्रीकी पारी को संभाला । साउथ अफ्रीका के टीम का स्कोर जब 90 रन था तब हडसन भी आउट हो गए । लेकिन बल्लेबाज एड्रियन क्विपर, हैंसी क्रोन्ये और जोंटी रोड्स के शानदार बल्लेबाजी करने से साउथ अफ्रीकी टीम लक्ष्य के करीब पहुंच गई थी। साउथ अफ्रीका के लिए सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन जब साउथ अफ्रीका का स्कोर 206 रन था तब अचानक जोंटी रोड्स रन आउट हो गए थे। उस समय साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 47 रन चाहिए था और अंतिम के पांच ओवर बचे हुए थे। 

साउथ अफ्रीका का स्कोर जब 42.5  ओवर में 6 विकेट पर 231 रन था कि तभी एक बार फिर बारिश हो गई औऱ एक बार फिर से खेल रोक दिया गया था । इस समय तक अफ्रीका को जीत के लिए 13 गेंद पर 22 रन की जरूरत थी। बारिश के आ जाने से मैच को लगभग 12 मिनट तक रोक दिया गया था लेकिन जब खेल फिर से शुरू हुआ तो मानों साउथ अफ्रीका के लिए वह मजाक से कम नहीं था। रेन रूल नियम के तहत साउथ अफ्रीका को जीतने के लिए 7 गेंद पर 22 रन का लक्ष्य मिला। लेकिन कुछ ही पलों के बाद स्कोर बदल कर 1 गेंद पर 22 रन कर दिया गया था। रेन रूल नियम के तहत साउथ अफ्रीका को जीत के लिए 43 ओवर में 257 रन कर दिया गया था। जिससे 1 गेंद पर अफ्रीका को 22 रन की जरूरत था जो किसी भी हालत में नहीं हासिक किया जा सकता है। क्रीज पर मौजूद साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज ब्रायन मैकमिलन औऱ डेविड रिचर्ड्सन के पास सर पीटने के अलावा कोई और विकल्प नहीं था।   

इंग्लैंड के गेंदबाज क्रिस लुईस ने मैकमिलन आखिरी गेंद करी थी जिसपर मैकमिलन ने एक रन लिया था। उस दिन बारिश के बदौलत ही इंग्लैंड को जीत हासिल हुई थी। आज भी साउथ अफ्रीका के लिए 22 मार्च 1992 का दिन किसी बुरे सपने से कम नहीं है । 

 

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