जब बांग्लादेशी शेरों ने पाकिस्तान को किया

Updated: Sun, Feb 08 2015 01:35 IST

वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में यदि कोई अंडरडॉग टीम किसी बड़े टीम को हरा देती है तो वह मैच अपने आप में उस टीम के लिए यादगार हो जाता है जिससे वह टीम अपने किए उस परफॉर्मेंस को उदाहरण बनाकर आने वाले बड़े मैचों के लिए खुद को उत्साहित करते रहती है । 1999 के वर्ल्ड कप में बांग्लादेश टीम के लिए ऐसा ही मौका आय़ा था जब बांग्लादेश ने पाकिस्तान को हराया । तब तक बांग्लादेश टेस्ट क्रिकेट नहीं खेलता था,इस मैच के करीब एक साल बाद बांग्लादेश ने टेस्ट क्रिकेट का आगाज किया था। 

31 मई 1999 को वर्ल्ड कप के लीग मैच में पाकिस्तान का मुकाबला बांग्लादेश से था। हर कोई पाकिस्तान की टीम को जीता हुआ मान रहा था, हर किसी को विश्वास था कि पाकिस्तान बांग्लादेश को हराकर 2 बहमुल्य अंक अपने खाते में जोड़ लेगा । इंग्लैंड के नॉर्थम्प्टन  पर खेले गए मैच में पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर बांग्लादेश को पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा । पाकिस्तान के पास वसीम अकरम , वकार यूनिस और शोएब अख्तर जैसे दुनिया के सबसे तेज गेंदबाज थे। वहीं बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान के पेस बैटरी के सामने बल्लेबाजी करना एक संघर्षपूर्ण चुनौती था । बांग्लादेश को ओपनर बल्लेबाज शहरयार हुसैन ने पाकिस्तान के तेज गेंदबाजी अटैक के सामनें समझदारी से बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश को सटीक शुरूआत दी । शहरयार हुसैन ने अपने साथी सलामी बल्लेबाज मेहराब हुसैन के साथ मिलकर पहले विकेट के लिए 69 रनो की साझेदारी की । वैसे तो बांग्लादेश की शुरूआत काफी धीमी थी पर अंडरडॉग टीम होने के कारण बांग्लादेश की शुरूआत एक मायने में अच्छी थी। पहले विकेट का पतन होने के बाद बल्लेबाजी करने आए अकरम खान ने 42 रन बनाकर बांग्लादेश की टीम को 200 रंनो के पार पहुंचाने में अहम योगदान था। लेकिन पाकिस्तानी ऑफ स्पिनर सकलैन मुश्ताक ने शानदार गेंदबाज करके बांग्लादेश बल्लेबाजों को 223 रनों पर रोक दिया । सकलैन मुश्ताक ने 10 ओवर के स्पेल में पांच बांग्लादेशी बल्लेबाजों को आउट किया था। 

पाकिस्तान के लिए 224 रन का लक्ष्य कतई मुश्किल नहीं था , लेकिन बांग्लादेश के गेंदबाजों के जानदार परफॉर्मेंस के बदौलत मैच में बांग्लादेश ने पाकिस्तान बल्लेबाजों की जमकर परेशान किया । पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज सईद अनवर से लेकर पाकिस्तान के बेहतरीन बल्लेबाज इंजमाम उल – हक उस मैच में बांग्लादेशी बॉलरों के खिलाफ संघर्ष करते हुए नजर आ रहे थे। बांग्लादेश के तेज गेंदबाज खालिद महमूद ने अपनी गेंदबाजी से ना सिर्फ पाकिस्तान के चोटी के बल्लेबाजों को आउट कर पवेलियन की राह दिखाई थी बल्कि अपनी फिल्डिंग से 3 बल्लेबाजों को रन आउट करा कर बांग्लादेश के लिए पाकिस्तान जैसी बड़ी टीम पर फतह करने के दरवाजे को खोल दिया था। खालिद महमूद ने अपने 10 ओवर में 31 रन देकर 3 विकेट लिए थे जिसमें 2 ओवर मेडन थे । पाकिस्तान की पूरी टीम केवल 161 रन पर सिमट गई थी और बांग्लादेश ने पाकिस्तान को 62 रन से हरा दिया।

बांग्लादेश को एतिहासिक जीत दर्ज कराने वाले खालिद महमूद को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था।

 "बांग्लादेश से हारने के बाद पाकिस्तानी कप्तान वसीम अकरम ने कहा था कि उन्हें इस हार पर भी खुशी है क्योंकि हम अपने भाइयों से हारे हैं तो वहीं बांग्लादेश के कप्तान अमीनुल इस्लाम ने इस एतिहासिक जीत को टीम एफर्ट बताया था।"

पाकिस्तान को वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में हाराना बांग्लादेश के लिए एक और खुशी लेकर आया जब आईसीसी ने बांग्लादेश के इस बेहतरीन परफॉर्मेंस को देखते हुए टेस्ट मैच खेलने के दरवाजे खोल दिए थे। नबंवर 2000 में बांग्लादेश ने इडिया के खिलाफ अपने ही देश के शहर ढ़ाका में टेस्ट क्रिकेट में आगाज किया ।

 

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