असुरक्षित स्थितियों में नहीं हो सकता मैच : डीडीसीए से उच्च न्यायालय

Updated: Tue, Feb 09 2016 22:40 IST

नई दिल्ली, 9 फरवरी (Cricketnmore): दिल्ली उच्च न्यायालय के साफ-साफ कहने के बाद कि असुरक्षित माहौल में मैच का अयोजन नहीं किया जा सकता, दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) ने मंगलवार को अपनी वह याचिका वापस ले ली। डीडीसीए ने फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में टी-20 विश्व कप की मेजबानी के लिए याचिका दाखिल कर न्यायालय से नगर निगम को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आदेश देने की मांग की थी।

न्यायाधीश एस. मुरलीधर और न्यायाधीश विभु बाखरू की खंडपीठ ने डीडीसीए से कहा, "हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर आप सुरक्षा मानदंडों को पूरा नहीं कर सकते तो मैचों का आयोजन नहीं करवाया जा सकता।"

डीडीसीए ने अदालत को बताया कि उसे पहले 50 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करवानी होगी और यदि वह दक्षिण दिल्ली नगर निगम के सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरता है यह राशि उसे अर्थदंड के रूप में गंवानी पड़ेगी।

डीडीसीए के वकील ने अदालत को बताया कि स्टेडियम की तैयारी और निरीक्षण के लिए डीडीसीए को 20 दिन का समय दिया गया है, हालांकि न्यायालय को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा।

अदालत ने कहा, "एसडीएमसी फिर से स्टेडियम का निरीक्षण करेगी, लेकिन यदि उन्हें लगा कि सुरक्षा मानकों को नहीं अपनाया गया है तो वे कोटला स्टेडियम को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं करेंगे, और आप मैच का आयोजन नहीं करवा सकेंगे। हम आपकी बात पर बिल्कुल सुनवाई नहीं करेंगे यदि आप 20 दिन बाद आकर कहते हैं कि आपको ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिला।"

एसडीएमसी के वकील गौरांग कांत ने अदालत को बताया कि यदि डीडीसीए एसडीएमसी के इंडिनीयरों द्वारा तय किए गए 60 बिंदुओं के अनुरूप सुरक्षा मानकों पर खरा नहीं उतरती है तो उनकी जमानती राशि को जब्त कर लिया जाएगा।

उन्होंने आगे बताया कि एसडीएमसी ने पिछली बार जब स्टेडियम का निरीक्षण किया था तो सुरक्षा मानक में कमियों के 40 फीसदी हिस्से पर ही काम चल रहा था।

अदालत ने इस पर कहा कि सिर्फ 40 फीसदी काम हुआ है और 60 फीसदी कार्य अभी भी होना है। 'अब तो बीसीसीआई ही इसका जोखिम उठाए'।

गौरतलब है कि भारत की मेजबानी में इसी वर्ष मार्च-अप्रैल में होने वाले आईसीसी टी-20 विश्व कप के चार मैच दिल्ली में होने हैं, जिसमें एक सेमीफाइनल मैच भी है।

हालांकि फिरोजशाह कोटला स्टेडियम को लेकर अभी संशय की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि स्टेडियम को अभी स्थानीय नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण-पत्र हासिल करने हैं।

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