कई मायनों में खास थी श्रीलंका और जिम्बाब्वे की वो टक्कर

Updated: Mon, Feb 09 2015 03:30 IST

23 फरवरी 1992 को न्यू प्लायमाउथ के पुकेकुरा पार्क में 1992 वर्ल्ड कप सबसे कम सुर्खियां बटोरने वाली श्रीलंका और जिम्बाब्वे की टीम आमनें-सामनें थी । इस मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में कोई खासा उत्साह नहीं था पर उस दिन उस मैच में जो हुआ उसने इस मैच को हमेशा के लिए यादगार बना दिया। 

श्रीलंका के कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने टॉस जीतकर पहले फिल्डिंग करने का फैसला किया था। जिम्बाब्वे के लिए पारी की शुरूआत एंडी फ्लावर और वेन जेम्स ने करी थी। इस मैच से वन डे में डेब्यू कर रहे एंडी फ्लावर ने अपनी बल्लेबाजी से श्रीलंकन गेंदबाजों को परेशान करते हुए नाबाद शतक जड़ा था और केजे अरनोट ने शानदार 52 रन बनाए । 

167 रन के स्कोर पर इंग्लैंड को अरनोट के रूप में चौथा झटका लगा। अरनोट के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए एंडी वालर ने दिल जीत लेने वाली पारी खेली और 45 गेंदों में धमाकेदार नाबाद 82 रन बना डाले। एंडी फ्लावर और एंडी वालर ने पांचवे विकेट के लिए अंतिम 13 ओवरों में शानदार 145 रन की साझेदारी कर डाली थी जिससे जिम्बाब्वे की टीम ने श्रीलंका के समक्ष 312 रन का पहाड़ सा लक्ष्य खड़ा किया था। एंडी फ्लावर (115*) और एंडी वालर (83*) दोनों अंत तक नाबाद रहे थे। 

जिम्बाब्वे के इस शानदार प्रदर्शन से श्रीलंकन टीम पूरी तरह से दवाब में आ गई थी। श्रीलंका के ऊपर से हार का खतरा टालने के लिए श्रीलंकन ओपनर जोड़ी रोशन महानामा और अथुला समरसेकेरा पर बड़ी जिम्मेदारी थी कि टीम को एक मजबूत शुरूआत दें । अपने टीम के भरोसे पर खरे उतरते हुए दोनों श्रीलंकाई ओपनर ने टीम को शानदार शुरूआत देते हुए पहले विकेट के लिए 128 रन की साझेदारी कर मजबूत आधार प्रदान कर दिया था। ऐसा लगने लगा था कि अब श्रीलंका के लिए मैच को बचाने में कोई खास परेशानी नहीं होगी । लेकिन वन डे क्रिकेट में रोमांच का पल आना अभी बाकि था। जब समरसेकेरा 61 गेंद पर 75 रन बनाकर मैदान पर बल्लेबाजी कर रहे थे तो तभी जिम्बाब्वे के ऑफ स्पिनर जॉन ट्रिक्स ने श्रीलंकन बल्लेबाज समरसेकेरा को दुएरस के हाथों कैच करा कर समरसेकेरा के शानदार पारी का अंत कर दिया।

श्रीलंकन पारी में सिर्फ 16 रन ही जुड़े थे कि रोशन महानामा भी आउट हो गए थे। उन्होंने भी अर्धशतक जड़ते हुए 59 रन बनाए थे। 144 रन पर 2 विकेट गिरने के बाद थोड़े-थोड़े अंतराल में श्रीलंका के विकेट गिरने लगे और श्रीलंका का स्कोर 39 ओवरों में 5 विकेट पर 212 रन पर पहुंच गया । श्रीलंका के इस मुश्किल समय में कप्तान अर्जुन राणातुंगा ने टीम को संभालने की पूरी जिम्मेदारी अपने कंधे पर लेते हुए मैच में अपनी बल्लेबाजी का शानदार नमूना पेश करते हुए टीम को विजयी द्वार तक पहुंचा दिया था। राणातुंगा ने जिम्बाब्वे टीम के जीतने के ख्वाब में खलल डालते हुए गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। श्रीलंकाई कप्तान ने 61 गेंद पर 88 रन की बेजोड़ पारी खेलकर श्रीलंका को जीत दिलाई थी। कप्तान राणातुंगा ने अपने 88 रन के स्कोर में 9 वां चौका जड़ते ही मैच को 4 गेंद शेष रहते श्रीलंका के पाले में डाल दिया था । वनडे क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहला मौका था जब किसी टीम ने 300 से ज्यादा रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच को अपने नाम किया था।

श्रीलंका ने मैच 3 विकेट से अपने नाम किया लेकिन श्रीलंका जैसी शानदार टीम के खिलाफ शतक लगाने के लिए एंडी फ्लावर को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया था। 

 

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