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बीसीसीआई के खिलाफ प्रभुत्व के दुरुपयोग मामले में सीसीआई का आदेश खारिज

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ प्रभुत्व के दुरुपयोग के आरोप में जुर्माना लगाने के भारतीय प्रतिस्पर्धा

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CCI penalty of 52 crore rupees against BCCI set as
CCI penalty of 52 crore rupees against BCCI set as (Image Source: Google)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 24, 2015 • 11:49 AM

नई दिल्ली, 24 फरवरी (CRICKETNMORE)। भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ प्रभुत्व के दुरुपयोग के आरोप में जुर्माना लगाने के भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के आदेश को प्रतिस्पर्धा अपीलीय न्यायाधिकरण (काम्पैट) ने खारिज कर दिया है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 24, 2015 • 11:49 AM

काम्पैट ने कहा है कि सीसीआई ने क्रिकेट निकाय पर कानून का हथौड़ा चलाने के लिए इंटरनेट से डाउन लोड की गयी ऐसी सूचनाओं पर यकीन किया जो ‘‘कानून की कसौटी पर नहीं ठहरतीं।’’ सीसीआई ने पिछले साल फरवरी में क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट टूर्नामेंट के आयोजन में प्रतिस्पर्धा रोधी गतिविधियों का दोषी पाने के बाद 52–24 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाने का आदेश दिया था। सीसीआई ने कहा था कि बीसीसीआई ने अपनी दबदबे की स्थिति का दुरुपयोग किया। आयोग ने बोर्ड को ऐसी गतिवधियों से बचने का निर्देश दिया था जिससे किसी संभावित प्रतिस्पर्धी को बाजार में प्रवेश का मौका नहीं मिले। यह आदेश एक व्यक्ति द्वारा नवंबर 2010 में दाखिल शिकायत के बाद जारी किया गया था। बीसीसीआई ने बाद में आयोग के इस निर्देश को काम्पैट में चुनौती दी जिसने अब उक्त आदेश को दरकिनार कर दिया है और नए सिरे से सुनवाई के लिए इस मामले को आयोग के पास भेज दिया।

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काम्पैट ने कहा कि आयोग ने प्रभुत्व के दुरुपयोग के संबंध में जो जानकारी इकट्ठा की वह कानूनी तौर पर ठोस नहीं है और यह दरकिनार किए जाने योग्य है क्योंकि नेट से डाउनलोड की गई सामग्री और इसी तरह के दस्तावेज साक्ष्य बनने लायक नहीं है। अपीलीय मंच ने कहा है, जो भी हो, आयोग को अपीलकर्ता (बीसीसीआई) को इसका खंडन का प्रभावी मौका दिए बगैर उक्त सामग्री पर भरोसा नहीं करना चाहिए था। आयोग ने इससे पहले अपने आदेश में कहा था ‘‘बीसीसीआई द्वारा किया गया उल्लंघन गंभीर है और जुर्माने की राशि उल्लंघन की गंभीरता के हिसाब से तय होनी चाहिए।’’ बीसीसीआई पर अन्य के अलावा टीम के स्वामित्व के अधिकारों की फ्रैंचाइजी, लीक के कवरेज के लिए प्रसारण अधिकार और प्रायोजन अधिकारों से जुड़ी कथित अनियमितताओं का भी आरोप है।

सीसीआई ने बीसीसीआई के खिलाफ शिकायत को अपने जांच प्रभाग के माहानिदेशक को प्रेशित किया था। जांच के दौरान बीसीसीआई ने दावा किया था कि वह लाभ कमाने के लिए काम करने वाली संस्था नहीं है और उसका कार्य क्षेत्र सीसीआई के न्यायिक अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।

(ऐजंसी)

 

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