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भारत को 2011 वर्ल्ड कप जिताने वाले गैरी कस्टर्न ने बताया, एक कोच की होती है क्या जिम्मेदारी

लंदन, 23 मई | अपनी कोचिंग में भारतीय टीम को वर्ल्ड कप-2011 का खिताब दिलाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कस्टर्न ने कहा है कि कोचिंग एक नेतृत्व करने वाला पद है जिसके लिए इस बात की गहरी

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Gary Kirsten
Gary Kirsten (Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 23, 2020 • 01:58 PM

लंदन, 23 मई | अपनी कोचिंग में भारतीय टीम को वर्ल्ड कप-2011 का खिताब दिलाने वाले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व बल्लेबाज गैरी कस्टर्न ने कहा है कि कोचिंग एक नेतृत्व करने वाला पद है जिसके लिए इस बात की गहरी समीक्ष होनी चाहिए कि टीम और खिलाड़ी आगे कैसे बढ़ सकते हैं और उनको इसके लिए किस तरह का माहौल चाहिए। गैरी भारत के अलावा दक्षिण अफ्रीका टीम के भी कोच रहे चुके हैं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
May 23, 2020 • 01:58 PM

डेली सन ने कस्टर्न के हवाले से लिखा है, "कोच को काफी सारी स्किल्स आनी चाहिए जो उसे एक पेशेवर टीम को हर विभाग में पूरी तरह से देखने का मौका दे।"

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उन्होंने कहा, "इसमें सेशन और टूर्नामेंट्स की तैयारी, मैन-मैनेजमेंट, टीम कल्चर बनाना, संबंध बनाना, चयन, रणनीति और सपोर्ट स्टाफ, अभ्यास, ट्रेनिंग सुविधा, मीडिया, जैसी चीजें शामिल हैं जो एक टीम को अच्च स्तर पर अच्छा करने वाली पेशेवर टीम बनाती है।"

52 साल के इस कोच ने कहा, "कोच को टीम में मौजूद हर तरह के खिलाड़ियों को सफलता पूर्वक संभालना आना चाहिए ताकि हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने का मोका मिले। कोच पर टीम में ऐसा माहौल बनाने की जिम्मेदारी होती है जिससे उच्च स्तर का प्रदर्शन निकल सके। कोच पर टीम की सफलता की जिम्मेदारी होती है सिर्फ खिलाड़ियों की नहीं।"
 

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