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धोखाधड़ी मामले में आया रॉबिन उथप्पा का बयान, लंबा चौड़ा पोस्ट करके खोला दिल, निकल चुका है अरेस्ट वारंट

भारत के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा ने अपने खिलाफ जारी अरेस्ट वारंट पर स्पष्टीकरण दिया है। उन पर अपनी कपड़े बनाने वाली कंपनी में कर्मचारियों के पीएफ योगदान में धोखाधड़ी करने का आरोप है।

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धोखाधड़ी मामले में आया रॉबिन उथप्पा का बयान, लंबा चौड़ा पोस्ट करके खोला दिल, निकल चुका है अरेस्ट वारं
धोखाधड़ी मामले में आया रॉबिन उथप्पा का बयान, लंबा चौड़ा पोस्ट करके खोला दिल, निकल चुका है अरेस्ट वारं (Image Source: Google)
Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
Dec 21, 2024 • 10:15 PM

पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) गलत कारणों के चलते सुर्खियों में आ गए हैं। उथप्पा के खिलाफ उनके द्वारा संचालित कंपनी में कर्मचारियों के भविष्य निधि योगदान (provident fund contributions of employees) के संबंध में कथित धोखाधड़ी के लिए अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। अब इस चीज पर रॉबिन उथप्पा का बयान आया है। 

Nitesh Pratap
By Nitesh Pratap
December 21, 2024 • 10:15 PM

उथप्पा ने कहा कि, "हाल ही में मेरे खिलाफ पीएफ मामले को लेकर जो खबरें आई हैं, उनके बारे में मैं कुछ स्पष्ट करना चाहता हूं। 2018-19 में, मुझे Strawberry Lencería Pvt. Ltd., Centaurus Lifestyle Brands Pvt. Ltd., और Berryz Fashion House कंपनियों में डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था, क्योंकि मैंने इन कंपनियों को लोन के रूप में पैसे दिए थे। हालांकि, मेरी इन कंपनियों में कोई सक्रिय भूमिका नहीं थी और मैं उनके रोजाना के कामकाज में शामिल नहीं था। एक क्रिकेट खिलाड़ी, टीवी प्रेज़ेंटर और कमेंटेटर के रूप में मेरे पास न तो समय था और न ही इन कामों में भाग लेने का अनुभव।"

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पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा कि, "असल में, जिन कंपनियों को मैंने पैसे दिए हैं, उनमें से किसी में भी मैं कार्यकारी भूमिका में नहीं हूं। दुख की बात है कि इन कंपनियों ने मुझे दिए गए पैसे का भुगतान नहीं किया, जिसके कारण मैंने कानूनी कार्रवाई की, जो अब कोर्ट में है। इसके अलावा, मैंने कई साल पहले अपने डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। जब पीएफ अथॉरिटी ने बकाया भुगतान के लिए नोटिस जारी किए, तो मेरी कानूनी टीम ने जवाब दिया और बताया कि मेरी इन कंपनियों में कोई भूमिका नहीं थी। इसके साथ ही कंपनियों से ही दस्तावेज़ दिए गए, जो मेरी भागीदारी को नकारते थे।"

पूर्व क्रिकेटर ने आगे कहा कि, "इसके बावजूद, पीएफ अधिकारी अपनी कार्यवाही जारी रखे हुए हैं, और मेरे कानूनी सलाहकार इस मामले को सुलझाने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वह सभी तथ्यों को सही तरीके से दिखाए और जो जानकारी दी जा रही है, उनकी सत्यता की जांच करें।"

उथप्पा को 27 दिसंबर तक 24 लाख रुपये का बकाया चुकता करना है, नहीं तो उन्हें अरेस्ट किया जा सकता है। उथप्पा बेंगलुरु की सेंटॉरस लाइफस्टाइल ब्रांड्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर हैं। 4 दिसंबर को जारी अरेस्ट वारंट में कहा गया कि कंपनी 23,36,602 रुपये का हर्जाना देने में नाकाम रही है, जिसे उथप्पा से वसूला जाएगा।

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उथप्पा पर आरोप है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के वेतन से पीएफ काटा, लेकिन वह रकम कर्मचारियों के अकाउंट में नहीं डाली। वारंट में कहा गया है कि बकाया न देने के कारण कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में पैसे नहीं जा पा रहे हैं। पुलिस से उथप्पा को गिरफ्तार करने और 27 दिसंबर तक वारंट वापस करने को कहा गया है। अगर उथप्पा हर्जाना नहीं भरते हैं, तो उन्हें अरेस्ट किया जा सकता है।

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