नई दिल्ली, 10 अगस्त (हि.स.) । भारत के सबसे सफल कप्तान महेंद्र सिंह धोनी विदेशों में सबसे असफल कप्तान बनने की राह पर हैं। इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार को मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट मैच में पारी और 54 रन से भारत की हार धोनी की कप्तानी में विदेशी सरजमीं पर 13वीं पराजय है। यह विदेशी धरती पर किसी भी भारतीय कप्तान का सबसे खराब रिकॉर्ड है।
यही नहीं, इस हार से धोनी विदेशी सरजमीं पर सर्वाधिक टेस्ट मैच हारने वाले कप्तानों की सूची में श्रीलंका के अर्जुन रणतुंगा और दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। धोनी की कप्तानी में भारत ने अभी तक विदेशों में 27 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें से केवल छह में उसे जीत मिली जबकि 13 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। बाकी आठ मैच ड्रॉ रहे।
इस तरह से धोनी का विदेशों में जीत हार का अनुपात 0.46 है। कप्तान के रूप में विदेशों में सबसे अधिक हार का रिकॉर्ड न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग और वेस्ट इंडीज के ब्रायन लारा (दोनों 16 हार) के नाम पर है। इनमें फ्लेमिंग की जीत-हार का अनुपात 0.62 है जो धोनी से थोड़ा बेहतर है। धोनी का कप्तानी का ओवरऑल रिकॉर्ड काफी बेहतर है। उनकी अगुवाई में भारत ने जो 57 टेस्ट मैच खेले उनमें से 27 मैचों में उसे जीत मिली और 16 में हार। उनकी जीत-हार का अनुपात 1.68 है जो किसी भी अन्य भारतीय कप्तान से बेहतर है। लेकिन धोनी अपनी कप्तानी में केवल सरजमीं पर ही कमाल दिखा पाए हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने अपनी सरजमीं पर 30 मैचों में से 21 में जीत दर्ज की और केवल तीन में उसे हार मिली।