क्या जसप्रीत बुमराह के पास वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे अच्छी 'Slower Ball' है?
भारत के स्टार तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह जितनी अच्छी यॉर्कर्स डालते हैं, उनके पास उतनी ही अच्छी स्लोअर बॉल भी है और इसका नमूना हम हर फॉर्मैट में देख चुके हैं।
इस समय जसप्रीत बुमराह ना सिर्फ भारत के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज हैं बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में भी फिलहाल टॉप के गेंदबाज हैं। कोई भी फॉर्मैट हो लेकिन बुमराह के प्रदर्शन में वही पैनापन नजर आता है। बुमराह जितनी अच्छी यॉर्कर डालते हैं, उनके पास उतनी ही अच्छी स्लोअर बॉल भी है। इस बात में कोई शक नहीं कि बुमराह यॉर्कर डालने में इस समय वर्ल्ड क्रिकेट में टॉप पर हैं लेकिन क्या बुमराह के पास वर्ल्ड क्रिकेट में सबसे अच्छी स्लोअर बॉल भी है?
ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हम इस आर्टिकल में ढूंढने की कोशिश करेंगे। बुमराह लगातार स्लोअर गेंदबाजी नहीं करते हैं लेकिन जब वो बीच में कभी बल्लेबाज को स्लोअर गेंद से चकमा देते हैं तो बल्लेबाज को बिल्कुल भी पता नहीं चलता है और बुमराह को विकेट भी मिल जाता है। पिछले कुछ समय की बात करें तो बुमराह ने अपनी स्लोअर बॉल्स से कई स्पेशल मौकों पर विकेट चटकाए और उन विकेटों में शॉन मार्श, मोहम्मद रिज़वान, ओली रॉबिन्सन और स्टीव स्मिथ के विकेट शामिल हैं। अभी हाल ही में, चल रही इंग्लैंड सीरीज में भी बुमराह ने रेहान अहमद और बेन फॉक्स को चकमा देकर आउट किया था। अभी जिन नामों का जिक्र किया गया अगर आप बुमराह की गेंदों पर उनके विकेट देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि कैसे बुमराह ने अपनी गेंदबाजी में विविधता को शामिल किया है।
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अगर ये कहा जाए कि बुमराह का एक्शन धीमी गेंदों और यॉर्कर डालने के लिए ही बना है, तो कुछ गलत नहीं होगा क्योंकि वो दोनों ही गेंदों काफी अच्छे से डिलीवर करते हैं। बुमराह का रन-अप छोटा होता है, जिसके बाद शरीर एक्शन में आ जाता है। एक बल्लेबाज को 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाले गेंदबाज का सामना करते समय 0.4 सेकंड से भी कम समय में प्रतिक्रिया करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जो गेंद के पिच होने के बाद बल्लेबाज तक पहुंचने में लगने वाला समय है। लेकिन जब गेंद बहुत धीमी हो जाती है, तो पूरी तरह से केंद्रित बल्लेबाज को खुद को फिर से संगठित करना पड़ता है।
2018 में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान मार्श को जो गेंद लगी उसकी स्पीड 114 किलोमीटर प्रति घंटे थी। उससे पहले वाली गेंद 140 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। ऐसे में मार्श की जगह कोई और बल्लेबाज भी होता तो वो 20-26 किलोमीटर प्रति घंटे के अंतर को समझ ना पाता। दिलचस्प बात ये है कि बुमराह के पास नक्कलबॉल या कोई और धीमी गेंदों की कोई विविधता नहीं है। वो अधिकतर ऑफ-कटर फेंकते हैं। बुमराह को जब भी तेजतर्रार यॉर्कर डालना होता है या स्लोअर बॉल, वो कभी भी अपने एक्शन और रनअप की रफ्तार में कमी नहीं लाते हैं, जिससे बल्लेबाज के लिए पढ़ पाना बहुत मुश्किल होता है कि बुमराह स्लोअर गेंद डालेंगे या नॉर्मल स्पीड वाली गेंद ही आएगी।
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जबकि बाकी गेंदबाजों को देखा जाए तो और भी कई ऐसे तेज़ गेंदबाज मिल जाएंगे जो स्लोअर बॉल का अच्छा इस्तेमाल करते हैं लेकिन जिस तरह से बुमराह बल्लेबाजों को चकमा देने में सफल रहते हैं उसके मुकाबले बाकी गेंदबाज थोड़ा सा पीछे रह जाते हैं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि इस समय बुमराह के पास वर्ल्ड क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ स्लोअर बॉल है।