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आईपीएल को लेकर BCCI और अन्य पर लगा 121 करोड़ रुपये का जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली, 1 जून (CRICKETNMORE)| प्रवर्तन निदेशालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन एन. श्रीनिवासन, कमिश्नर ललित मोदी तथा और अन्य पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए 121 करोड़

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ED imposes penalty of Rs 121 cr on BCCI, others
ED imposes penalty of Rs 121 cr on BCCI, others (© BCCI)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jun 01, 2018 • 02:27 PM

नई दिल्ली, 1 जून (CRICKETNMORE)| प्रवर्तन निदेशालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व चेयरमैन एन. श्रीनिवासन, कमिश्नर ललित मोदी तथा और अन्य पर विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के उल्लंघन के लिए 121 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा यह जुर्माना दक्षिण अफ्रीका में हुए आईपीएल के दूसरे संस्करण के दौरान फेमा के उल्लंघन के लिए लगाया गया है। 

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
June 01, 2018 • 02:27 PM

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एक अधिकारी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 121.56 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। उसने इस मामले में अपनी जांच जारी रखी है, जिसमें यह दर्शाया गया है कि 2009 में आईपीएल के दूसरे संस्करण की मेजबानी के लिए दक्षिण अफ्रीका को 243 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) का कथित उल्लंघन किया गया था।

इस मामले में अधिकारी ने यह भी कहा कि एजेंसी ने बीसीसीआई पर 82.66 करोड़ रुपये, श्रीनिवासन पर 11.53 करोड़ रुपये, ललित पर 10.65 करोड़ रुपये, बीसीसीआई के पूर्व कोषाध्यक्ष एम.पी. पांडोव पर सात करोड़ रुपये तथा स्टेट बैंक ऑफ ट्रेवनकोर तथा प्रमुख प्रबंधक पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 

एजेंसी के अधिकारियों के अनुसार, इस जांच से यह सामने आया है कि 2009 में क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) के खाते में 243 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए गए थे और यह धन सीएसए-आईपीएल के नाम पर सीएसए द्वारा खोले गए एक और समर्पित बैंक खाते में भेजा गया था।

अधिकारी ने कहा, "ऐसे में बीसीसीआई और सीएसए के बीच एक समझौते के आधार पर, बीसीसीआई ने इस विदेशी बैंक खाते के संचालन पर पूर्ण नियंत्रण का उपयोग किया, जिससे किसी भी भारतीय प्राधिकरण द्वारा इन खचरें की जांच से बचा जा सके।"
 

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