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28 साल बाद भारत बना था वर्ल्ड चैंपियन

2 अप्रैल 2011 को भारत 28 साल बाद दोबारा क्रिकेट वर्ल्ड चैंपियन बना। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का जड़कर सचिन तेंदुलकर का वो सपना पूरा कर दिया था

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Final India v Sri Lanka at Mumbai in the 2011 Worl
Final India v Sri Lanka at Mumbai in the 2011 Worl ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Nov 30, -0001 • 12:00 AM

2 अप्रैल 2011 को भारत 28 साल बाद दोबारा क्रिकेट वर्ल्ड चैंपियन बना। कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने छक्का जड़कर सचिन तेंदुलकर का वो सपना पूरा कर दिया था जिसका वह पिछले 5 वर्ल्ड कप से इंतजार कर रहे थे। पूरे वानखेंड़े स्टेडियम समेत देश में हर जंगह तिरंगा ही तिरंगा नजर आ रहा था। धोनी की धैर्य और गंभीर की गंभीरता भरी पारी ने इस जीत में एक अहम भूमिका निभाई थी । भारत कैसे बना वर्ल्ड चैंपियन डालते हैं एक नजर ।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
November 30, -0001 • 12:00 AM

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगाकारा टॉस के लिए मैदान पर उतरे और टॉस में ही कुछ ऐसा हो गया जिसने सबको उलझन में डाल दिया और दो बार टॉस किया गया । कप्तानी धोनी द्वारा जब पहली बार जब सिक्का उछाला गया तो मैच रेफ़री जैफ क्रो सुन नहीं पाए कि कुमार संगकारा ने क्या कहा। उसके बाद दोबारा टॉस करना पड़ा और श्रीलंकाई कप्तान कुमार संगकारा ने टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाज़ी का फ़ैसला किया।

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श्रीलंका की पारी की शुरूआत करने के लिए तिलकरत्ने दिलशान और उपुल थरंगा की जोड़ी मैदान पर उतरी। लेकिन फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को वो शुरूआत नहीं मिली जिसकी कप्तान कुमार संगाकारा ने उम्मीद की थी। श्रीलंका को पहला झटका केवल 17 रन के स्कोर पर ही लग गया। भारतीय गेंदबाजी के अगुआ जहीर खान ने शानदार गेंदबाजी कर थरंगा के ऊपर ऐसा दबाव बनाया कि वह स्लिप पर खड़े वीरेंद्र सहवाग को अपना कैच थमा बैठे। इसके बाद क्रीज पर आए कप्तान कुमार संगाकारा ने दिलशान के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 43 रन जोड़े। दिलशान-संगाकारा की जोड़ी को हरभजन सिंह ने तोड़ा। दिलशान के आउट होने के बाद महेला जयवर्धने मैदान पर संगाकारा का साथ देने आए। संगाकारा ने अर्धशतक बनाने से चुक गए और 48 रन की पारी खेली। संगाकारा के आउट होने के बाद एक छोर से थोड़े-थोड़े अंतराल में विकेट गिरते रहे लेकिन महेला जयवर्धने ने एक छोर संभाले रखा। जयवर्धने ने शानदार बल्लेबाजी का नमूना पेश करते हुए बेहतरीन शतक लगाया और 88 गेंदों में 13 चौकों की मदद से नाबाद 103 रन की पारी खेली। अंत में नुवान कुलासेकर (32) और थिसारा परेरा (22रन) की ताबड़तोड़ पारी की बदौलत श्रीलंका निर्धारित 50 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 274 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा किया। 

भारत के सामनें वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए 275 रन का लक्ष्य था। लक्ष्य का पीछा करने भारत की तरफ से विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर की भरोसेमंद जोड़ी मैदान पर उतरी और श्रीलंका के कप्तान कुमार संगाकारा ने अपने सबसे भरोसेमंद गेंदबाज लसिथ मलिंगा को गेंद थमाई। मैच देख करोड़ों भारतीय दर्शकों को उम्मीद थी कि पिछले मुकाबलों की तरह इस मुकाबले में भी वीरेंद्र सहवाग अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से भारत को अच्छी शुरूआत देंगे। लेकिन मलिंगा ने अपने ओवर की दूसरी गेंद पर सहवाग को एलबीडबल्यू आउट को भारतीय टीम को बड़ा झटका दिया था। बिना कोई रन बनाए भारत ने अपना सबसे विस्फोटल बल्लेबाज गंवा दिया था। सहवाग के बाद सचिन का साथ देने गौतम गंभीर मैदान पर आए। दोनों ने मिलकर दूसरे विकेट के लिए 30 रन जोड़े थे कि भारत को फाइनल मुकाबले में सबसे बड़ा झटका लगा। अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रहे सचिन को 18 रन के निजी स्कोर पर संगाकारा के हाथों कैच करा कर भारत को बड़ा झटका दिया था। अब युवा खिलाड़ी गंभीर और विराट कोहली के कंधों पर भारतीय पारी को संभालनें की जिम्मेदारी थे। दोनों ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए तीसरे विकेट के लिए 83 रन की साझेदारी कर डाली।  लेकिन अपने अर्धशतक की ओर बढ़ रहे विराट कोहली गलत शॉट खेलकर दिलशान का शिकार बन गए थे। 

विराट कोहली के आउट होने के बाद सबको लग रहा था कि अब टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले युवराज सिंह बल्लेबाजी करने मैदान पर आएंगे। लेकिन अपने अनोखे फैसलों के लिए मशहूर कप्तान धोनी युवी की जगह खुद बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे। धोनी का यह फैसला बिल्कुल सही साबित हुआ और उन्होंने क्रीज पर जमे हुए गौतम गंभीर के साथ मिलकर  तीसरे विकेट के लिए 109 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी करी थी। भारत को 223 रन के स्कोर पर गौतम गंभीर के रूप में चौथा झटका लगा। लेकिन गंभीर आउट होने से पहले अपना काम कर चुके थे। 122 गेंदों में 97 रन की बेहतरीन पारी खेलकर गंभीर ने भारत को मुश्किल परिस्थितियों से निकाल दिया था। इसके बाद धोनी का साथ देने युवराज सिंह मैदान पर आए और दोनों मिलकर भारत को जीत की दहलीज पर लेकर गए। 49वां ओवर करने आए नुवान कुलसेखरा की दूसरी गेंद पर हैलीकॉप्टर शॉट लगाते हुए धोनी ने शानदार छक्का जड़कर भारत को दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनाया था । धोनी 91 रन और युवी 21 रन बनाकर नाबाद रहे थे। 

धोनी की कप्तानी में 28 साल बाद भारत वर्ल्ड चैंपियन बना था। धोनी 79 गेंदों में 8 चौकों को 2 छक्कों की मदद से नाबाद 91 रन की पारी मैच के हीरो साबित हुए थे।

 

(सौरभ शर्मा/CRICKETNMORE

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