Happy Birthday Kapil Dev: कपिल देव ने 10 महीनों में छोड़ दी थी टीम इंडिया की कोचिंग, BCCI ने भी कर दिया था बैन
6 जनवरी, 2025 के दिन भारत के वर्ल्ड चैंपियन कप्तान कपिल देव अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके इस खास दिन पर उनके बारे में दिलचस्प बातें बताते हैं।
महान भारतीय कप्तान कपिल देव आज 6 जनवरी को अपना 66वां जन्मदिन मना रहे हैं। चंडीगढ़ में जन्मे इस क्रिकेटर को भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर्स में गिना जाता है। कपिल देव 1983 में अपने करियर के शिखर पर पहुंचे, जब उन्होंने भारत को पहली बार वर्ल्ड कप जिताया। वो भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले पहले कप्तान भी हैं।
कपिल देव को उनके इस खास दिन पर दुनियाभर से बधाई संदेश और शुभकामनाएं मिल रही हैं। अगर कपिल के करियर की बात करें तो उन्होंने कई मौकों पर मैच विनिंग प्रदर्शन किया लेकिन सबसे यादगार पारी 1983 में भारत के ऐतिहासिक वर्ल्ड कप अभियान के दौरान आई थी। जिम्बाब्वे के खिलाफ़ जब भारत ने अपने 5 विकेट सिर्फ 17 रन पर गंवा दिए थे, तब कपिल देव ने नाबाद 175 रनों की पारी खेली।
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उनकी इस पारी में 16 चौके और छह छक्के भी देखने को मिले जिसके बाद भारत को महत्वपूर्ण मैच 31 रनों से जीतने में मदद मिली। हालांकि, वर्ल्ड कप के बाद लगातार खराब प्रदर्शन के कारण कपिल देव को कप्तान के पद से हटा दिया गया। इसके बाद कपिल देव टीम इंडिया के कोच भी बने लेकिन 1999 में भारतीय टीम के लगातार खराब प्रदर्शन के चलते उन्होंने 10 महीने बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया।
इससे पहले कपिल तब सुर्खियों में आए जब पूर्व क्रिकेटर मनोज प्रभाकर ने कपिल देव पर 1994 में पाकिस्तान के खिलाफ़ मैच फ़िक्स करने का आरोप लगाया था। इसके बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए एक विशेष समिति बनाई। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने अपनी रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला कि प्रभाकर के दावों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं था।
बीसीसीआई ने क्यों किया कपिल देव को बैन?
अब बात करते हैं कपिल देव और बीसीसीआई के बीच तकरार की और ये तकरार शुरू हुई थी आईसीएल यानि इंडियन क्रिकेट लीग की वजह से। जी इंटरटेनमेंट के सुभाष चंद्रा ने इस लीग को शुरू किया और कपिल देव समेत कई विदेशी क्रिकेटर भी इस लीग में खेलने के लिए शामिल हुए लेकिन इस लीग के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा बीसीसीआई बनी और उन्होंने इस लीग को मान्यता नहीं दी लेकिन बवाल और तब बढ़ा जब सुभाष चंद्रा ने इसकी परवाह किए बिना लीग शुरू कर दी।
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इसका नतीजा सुभाष चंद्रा को तो नहीं लेकिन खिलाड़ियों को भुगतना पड़ा जिसके चलते इस में लीग में हिस्सा लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने बैन कर दिया था। बैन हुए खिलाड़ियों में कपिल देव का नाम भी था। 2007 में शुरू हुई ये आईसीएल लीग 2009 तक चली, लेकिन फिर बीसीसीआई ने इसे बंद कर दिया और बाद में बीसीसीआई ने जिन खिलाड़ियों पर बैन लगाया था उसे भी हटा दिया गया।