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आरसीए चुनावों के लिए नामांकन के समय मचा बवाल

जयपुर, 3 अक्टूबर - राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के कार्यालय पर चुनावों के नामांकन के आखिरी दिन बुधवार को राजनीतिक बवाल मच गया। नागौर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रामेश्वर डुडी, जिन्हें मंगलवार को चुनाव लड़ने के अयोग्य बता...

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Rajasthan Cricket Association
Rajasthan Cricket Association (Image - Google Search)
Cricketnmore Editorial
By Cricketnmore Editorial
Oct 03, 2019 • 12:39 AM

जयपुर, 3 अक्टूबर - राजस्थान क्रिकेट संघ (आरसीए) के कार्यालय पर चुनावों के नामांकन के आखिरी दिन बुधवार को राजनीतिक बवाल मच गया। नागौर क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रामेश्वर डुडी, जिन्हें मंगलवार को चुनाव लड़ने के अयोग्य बता दिया था, राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के खिलाफ नामांकन दाखिल करने आए। उन्हें नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थन प्राप्त है। शाम 4:30 बजे तक उन्हें हालांकि अयोग्य घोषित कर दिया गया और इससे वैभव के निर्विरोध आरसीए अध्यक्ष चुने जाने का रास्ता साफ हो गया।

इससे पहले, मंगलवार को बेनीवाल ने मुख्यमंत्री पर गंदी राजनीति करने और डुडी को हटाने के आरोप लगाए थे। अपने ट्वीट में बेनीवाल ने आरएलपी कर्मचारियों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में सवाई माधव सिंह स्टेडियम पहुंचने की गुहार लगाई थी ताकि डुडी का समर्थन किया जा सके।

स्टेडियम पर सुबह काफी भीड़ देखी गई जिसके कारण पुलिस बल भी भारी संख्या में तैनात रहा। पुलिस ने डुडी के समर्थन में आए आरएलपी कर्मचारियों पर हल्का लाठीचार्ज भी किया। अंतत: डुडी ने अपना नामांकन भरा जिसे शाम तक संबंधित अधिकारियों ने निरस्त कर दिया।

डुडी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धृतराष्ट्र बन गए हैं, जिन्हें सिर्फ अपने बेटे की चिंता है और किसी बात की नहीं।

संवादताताओं से बात करते हुए डुडी ने कहा, "सीपी जोशी, आरसीए अध्यक्ष, विधानसभा अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री सरकारी तंत्र का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और राज्य का हर नागरिक इसे देख रहा है। वह तानाशाही दिखा रहे हैं जबकि चुनाव अधिकारी और उनकी टीम सभी नियमों का उल्लंघन कर रही है। नामांकन भरने का समय एक बजे तक का था लेकिन हमें पुलिस और लाठियों की मदद से रोका गया। हालांकि हमने नामांकन भर दिया था।"

उन्होंने कहा, "मंगलवार को हमने लोकपाल से अपील की थी कि वह हमें नामांकन भरने की इजाजत दे। उन्होंने हमसे साफ कह दिया था कि हमें वोट करने का पूरा अधिकार है। लेकिन सरकार लोकपाल का सम्मान नहीं करती। हम इस लड़ाई को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाएंगे।"

Cricketnmore Editorial
By Cricketnmore Editorial
October 03, 2019 • 12:39 AM

आईएएनएस

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