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टीम इंडिया के दक्षिण अफ्रीका टूर की सबसे रहस्यमय याद- कौन सा रिकॉर्ड बनाने से चूक गए थे सौरव गांगुली?

1992-93 में जब दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट खेलने वाली पहली टीम बना भारत तो डरबन में पहले टेस्ट में ही सचिन तेंदुलकर टीवी रिप्ले से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने। इसी तरह 2006-07 के टूर में सौरव गांगुली एक

Charanpal Singh Sobti
By Charanpal Singh Sobti December 24, 2021 • 13:58 PM
India Tour Of South Africa 2006-07
India Tour Of South Africa 2006-07 (Image Source: Google)
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1992-93 में जब दक्षिण अफ्रीका में टेस्ट खेलने वाली पहली टीम बना भारत तो डरबन में पहले टेस्ट में ही सचिन तेंदुलकर टीवी रिप्ले से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज बने। इसी तरह 2006-07 के टूर में सौरव गांगुली एक ख़ास तरीके से आउट होने वाला पहला बल्लेबाज़ बन सकते थे पर दक्षिण अफ्रीका टीम ने अनोखी स्पोर्ट्समैन स्पिरिट दिखाकर ये रिकॉर्ड नहीं बनने दिया। क्या हुआ था तब- ये एक रहस्यमय याद है जो ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि कभी कभी बड़ी टीम भी कैसी गलती कर बैठती हैं?

सीधे 2007 के केपटाउन टेस्ट में चलते हैं। पहली पारी में भारत के 414 के जवाब में मेजबान टीम ने 373 रन बनाए। असल में दक्षिण अफ्रीका के 260-3 के स्कोर के बाद पिच का मिजाज बदलना शुरू हो गया था। सीरीज के तीसरे टेस्ट का तीसरा दिन (4 जनवरी) और भारत की दूसरी पारी शुरू।

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  • वसीम जाफर और वीरेंद्र सहवाग ने ओपनिंग की।
  • दूसरे ओवर में स्कोर 6- वीरेंद्र सहवाग आउट।
  • नंबर 3 पर बैटिंग करने आ गए राहुल द्रविड़।
  • तीसरे ओवर में स्कोर 6- वसीम जाफ़र आउट। तब 10. 43 बजे थे।
  • अब बैटिंग के लिए आना था सचिन तेंदुलकर को। सभी हैरान- वे ड्रेसिंग रूम से बाहर निकले ही नहीं।
  • बैटिंग आर्डर में अगला नाम- वीवीएस लक्ष्मण का। वे भी बाहर नहीं निकले।

बैटिंग आर्डर में अगला नाम- सौरव गांगुली का। कुछ समय के लिए किसी को नहीं पता था कि क्या चल रहा है, सभी की निगाहें भारतीय ड्रेसिंग रूम पर टिकी थीं।

आखिरकार वे बाहर निकले पर तब तक जाफर को आउट हुए 6 मिनट हो चुके थे। क्रिकेट लॉज़ के मुताबिक नए बल्लेबाज़ को अधिकतम 3 मिनट मिलते हैं अपनी बेटिंग शुरू करने के लिए। यहां तो 6 मिनट हो गए थे यानि कि गांगुली एक भी गेंद खेले बिना आउट थे। तब भी स्कोर कार्ड उन्हें 'टाइम आउट' नहीं दिखाता क्योंकि दक्षिण अफ्रीका टीम ने आउट की अपील नहीं की। गांगुली बच गए पर सवाल ये था कि उन 6 मिनट में टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम में ऐसा क्या होता रहा कि नौबत आउट होने तक आ पहुँची? टेस्ट इतिहास में पहली बार नए बल्लेबाज को "टाइम आउट" किए जाने का रिकॉर्ड बनते बनते रह गया।

अब इन्हीं सवालों का जवाब

तेंदुलकर कहाँ थे - वे पूरी जिम्मेदारी के साथ पैड बांधकर नंबर 4 पर बैटिंग के लिए तैयार थे। असल में तभी पता लगा कि वे अभी बैटिंग के लिए नहीं जा सकते क्योंकि दक्षिण अफ्रीका की पारी के दौरान 18 मिनट ग्राउंड पर नहीं थे- भारत की पारी में इतना समय बीत जाने पर ही बैटिंग कर सकते थे। भारत के पहले 2 विकेट 12 मिनट में ही गिर गए और ऐसी गड़बड़ हो गई जिसके लिए टीम इंडिया तैयार नहीं थी। तेंदुलकर 10.48 बजे तक बल्लेबाजी नहीं कर सकते थे।

गड़बड़ ये कि टीम इंडिया इस पर सो रही थी और कोई इंतज़ाम नहीं किया कि जरूरत पड़ी तो कौन बैटिंग करेगा? ये तो बाद में पता लगा कि नियमों से वाकिफ, ऑन-फील्ड अंपायर डेरेल हार्पर ने टीवी अंपायर मारियास इरासमस को भारतीय ड्रेसिंग रूम को पहले विकेट के गिरने पर ही रिमाइंडर भेजने के लिए कह दिया था- उन्हें अंदाज़ा था कि हो सकता है टीम ने इस बारे में सोचा ही हे न हो। वह रिमाइंडर नहीं भेजा गया। बाद में जब चौथे अंपायर (मरे ब्राउन) ने बताया ,तब टीम जगी। फिर भी जो अंपायर स्टाफ ने किया वह उनकी ड्यूटी नहीं थी- जिम्मेदारी टीम इंडिया के थिंक टैंक की थी।

लक्ष्मण कहाँ थे - वे बड़े आराम से बाथरूम में नहाने चले गए- जब एकदम जरूरत में दरवाजा खटखटाया गया, तब भी वे नहीं निकले।

नज़ला गिरा गांगुली पर - वे तो नंबर 6 थे और आराम से ट्रैक- सूट में थे पर अब वही बचे थे। जो हालात बन गए थे- उससे ड्रेसिंग रूम में अफरा-तफरी मच गई।

सौरव गांगुली, तब तक बल्लेबाजी के मूड़ में ही नहीं थे। कोई दादा को कमीज़ दे रहा था तो कोई पतलून और कोई बैट। दो खिलाड़ी उनके पैड बांधने में लग गए। जब गांगुली बल्लेबाजी के लिए उतरे, तो स्टेडियम की घड़ी में 10.49 बजे थे।

दक्षिण अफ्रीका टीम का एक्शन - ऐसा नहीं कि वे हो रही देरी से अनजान थे। फटाफट अंपायरों का ध्यान बल्लेबाज को "टाइम आउट" करने पर दिलाया। तब भी करीब, छह मिनट बीतने पर भी अपील नहीं की। असल में अंपायरों ने उन्हें बताया कि जानबूझ कर देरी नहीं हो रही है- हालात ही कुछ ऐसे बन गए कि ये नौबत आई है। कप्तान ग्रीम स्मिथ की तारीफ करनी होगी कि वे मान गए और अपील नहीं की। अगर दक्षिण अफ्रीका ने अपील की होती तो गांगुली को आउट घोषित कर दिया जाता।

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इस तरह सौरव गांगुली 'टाइम-आउट' होने वाले पहले टेस्ट क्रिकेटर बनने से बच गए। क्रिकेट में आउट होने के 10 तरीके में से सबसे दुर्लभ 'टाइम आउट' है और 140 साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद कोई भी टेस्ट में इस तरह से आउट नहीं हुआ है।


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