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'कौन नहीं बनना चाहेगा', फुल टाइम टेस्ट कप्तानी पर बुमराह ने खोला दिल

भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह ने साफ कर दिया है कि अगर उन्हें टेस्ट की फुल टाइम कप्तानी दी जाती है तो वो इस जिम्मेदारी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।

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'कौन नहीं बनना चाहेगा', फुल टाइम टेस्ट कप्तानी पर बुमराह ने खोला दिल
'कौन नहीं बनना चाहेगा', फुल टाइम टेस्ट कप्तानी पर बुमराह ने खोला दिल (Image Source: Google)
Shubham Yadav
By Shubham Yadav
Jan 23, 2024 • 11:51 AM

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज़ गेंदबाज जसप्रीत बुमराह मार्च 2022 के बाद से भारत में अपना पहला टेस्ट मैच खेलने वाले हैं। इंग्लैंड के खिलाफ 25 जनवरी से शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में जसप्रीत बुमराह हैदराबाद के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय तेज़ गेंदबाजी की अगुवाई करेंगे। ये इंग्लैंड के खिलाफ उनका 11वां टेस्ट होगा और आखिरी बार जब उन्होंने इंग्लिश टीम का सामना किया था, तो बुमराह भारतीय टीम के कप्तान थे।

Shubham Yadav
By Shubham Yadav
January 23, 2024 • 11:51 AM

इस समय बुमराह भारतीय टेस्ट टीम के उप-कप्तान हैं और उन्होंने एजबेस्टन में स्थगित पांचवें टेस्ट में टीम का नेतृत्व किया था। उस दौरान नियमित कप्तान रोहित शर्मा कोविड-19 से संक्रमित हो गए थे जिसके चलते बुमराह को कप्तानी मिल गई थी। अब जब बुमराह इंग्लैंड के खिलाफ एक बार फिर से खेलने वाले हैं तो उनसे फुल टाइम टेस्ट कप्तानी के बारे में सवाल पूछा गया जिसका उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि अगर उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई तो वो क्यों नहीं कप्तान बनना चाहेंगे।

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द गार्डियन ने बुमराह के हवाले से कहा, "मैंने एक मैच खेला और ये बेहद सम्मान की बात थी। टेस्ट क्रिकेट खेलना बहुत अच्छा है, कप्तानी करना और भी बेहतर था। हां, हम हार गए लेकिन हम मैच में आगे थे और मुझे ये जिम्मेदारी पसंद आई। कभी-कभी एक तेज गेंदबाज के रूप में आप फाइन लेग पर चले जाते हैं और स्विच ऑफ कर देते हैं, लेकिन मुझे हर फैसले में शामिल होना पसंद है, अगर मुझे ये जिम्मेदारी दी जाती है तो निश्चित रूप से, कौन ऐसा नहीं करेगा?"

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आगे बोलते हुए बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा, “कमिंस ऑस्ट्रेलिया के लिए खेलते हैं, मैचों की संख्या अलग-अलग होती है और इस तरह की बात होती है। बहुत से सीमर्स ने पहले ऐसा नहीं किया है। लेकिन ये एक अच्छा उदाहरण है कि हां, तेज गेंदबाज चतुर होते हैं, वो कड़ी मेहनत करते हैं और वो जानते हैं कि खेल में क्या करना है।”

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