8 अक्टूबर। साउथ अफ्रीका के साथ विशाखापट्टनम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में भारत के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने पांच विकेट लेकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। हालांकि मैच के पांचवें दिन विकेट उस तरह की नहीं थी, जैसा तेज गेंदबाज चाहते हैं। फिर भी शमी ने क्रैक भरी पिच पर अपनी लैंथ, तेजी और रिवर्स स्विंग कराने की कला का बखूबी इस्तेमाल करते हुए बल्लेबाजों के लिए मुश्किल पैदा की।
पिच में ज्यादा उछाल नहीं था, इस बात का हालांकि शमी को फायदा भी मिला। लेकिन इस दौरान खास बात उनकी लैंथ रही, जिसके कारण वह पांच विकेट लेने में सफल रहे। यह पहली बार नहीं था कि शमी दूसरी पारी में टीम की जीत का कारण बने हों। वह ऐसा बीते कुछ वर्षो से लगातार कर रहे हैं।
शमी की दोनों पारियों के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो टेस्ट मैचों की 43 पहली पारियों में शमी ने 78 विकेट लिए हैं और 40 दूसरी पारियों में 80 विकेट। विकेटों में अंतर बेशक कम है, लेकिन दोनों पारियों की तुलना में आगे बढ़ा जाए तो पहली पारी में शमी का औसत 34.47 का और स्ट्राइक रेट 60.61 का है। जबकि दूसरी पारी में शमी का औसत 22.58 और स्ट्राइक रेट 41.4 का है। दूसरी पारी में शमी ने चार बार पांच विकेट अपने नाम किए हैं, जबकि पहली पारी में सिर्फ एक बार। आंकड़े साफ बताते हैं कि शमी दूसरी पारी में ज्यादा असरदार हैं।