Advertisement
Advertisement
Advertisement

टी20 लीग की लाइमलाइट में कहीं खो न जाए वनडे और टेस्ट?

Final Match Between Kolkata Knight:  क्रिकेट का पूरी तरीके से 'नवीनीकरण' हो चुका है। टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद अब फ्रेंचाइजी लीग का बोलबाला है, लेकिन इससे कहीं न कहीं लंबे फॉर्मेट के खेल की खासियत खोती

Advertisement
Chennai: IPL 2024 Final Match Between Kolkata Knight Riders And Sunrisers Hyderabad
Chennai: IPL 2024 Final Match Between Kolkata Knight Riders And Sunrisers Hyderabad (Image Source: IANS)
IANS News
By IANS News
Sep 17, 2024 • 06:22 PM

Final Match Between Kolkata Knight:  क्रिकेट का पूरी तरीके से 'नवीनीकरण' हो चुका है। टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद अब फ्रेंचाइजी लीग का बोलबाला है, लेकिन इससे कहीं न कहीं लंबे फॉर्मेट के खेल की खासियत खोती जा रही है। किसी जमाने में जो खेल जुनून, देश प्रेम और जेंटलमैन गेम के लिए मशहूर था अब वह सिर्फ 'कैश करो, ऐश करो' तक काफी हद तक सीमित हो गया है!

IANS News
By IANS News
September 17, 2024 • 06:22 PM

टी20 में कैश भी खूब है और ऐश भी। भारत में अभी भी खेलों के मामले में लोकप्रियता में क्रिकेटरों की कोई टक्कर नहीं है। उन्हें मोटे पैकेज के साथ-साथ सेलिब्रिटी ट्रीटमेंट भी मिलता है। मॉर्डन युग के क्रिकेटरों को लीग क्रिकेट के जरिए बहुत जल्द लाइमलाइट भी मिल जाती है।

Trending

इसके बाद रेड बॉल क्रिकेट तो बहुत दूर की बात है, खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट से भी खुद को दूर रखने लगे हैं। इसका मुख्य कारण है व्यस्त शेड्यूल और चोट का हवाला देकर उपलब्ध नहीं रहना। हालांकि, लीग क्रिकेट के टाइम यह खिलाड़ी पूरी तरह फिट रहते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे बड़े टूर्नामेंट में तो अक्सर यही देखा गया है कि सभी बड़े खिलाड़ी पूरे सीजन के लिए उपलब्ध रहते हैं।

सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों के क्रिकेटरों में लीग क्रिकेट के प्रति बढ़ रही प्रवृति को देखा जा सकता है। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) समेत दुनिया के बाकी क्रिकेट बोर्ड भी सचेत हुए हैं। बीसीसीआई ने तो खिलाड़ियों के सिर्फ लीग क्रिकेट पर ध्यान देने के रवैये के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड यह साफ कर चुका है कि खिलाड़ियों को घरेलू प्रतियोगिताओं का भी हिस्सा बनना होगा।

इसके अलावा, फ्रेंचाइजी लीग की बढ़ती लोकप्रियता पर कई क्रिकेट विशेषज्ञ और दिग्गज क्रिकेटर अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। खास तौर से टेस्ट क्रिकेट पर इसका दुष्प्रभाव पड़ा है। क्रिकेट फैंस का ध्यान भी अब शॉर्ट फॉर्मेट और फ्रेंचाइजी क्रिकेट पर ज्यादा जा रहा है, क्योंकि इन मैचों में पल-पल रोमांच से भरा होता है। गिल्लियां बिखरने, एलबीडब्ल्यू, रन-आउट, 22 यार्ड की दूरी के बीच तेज दौड़, थ्रो, कैच आउट या बाउंड्री का लुत्फ उठाने में ही फैंस को ज्यादा मजा आता है।

सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि कई देशों के क्रिकेटरों में लीग क्रिकेट के प्रति बढ़ रही प्रवृति को देखा जा सकता है। इसके लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) समेत दुनिया के बाकी क्रिकेट बोर्ड भी सचेत हुए हैं। बीसीसीआई ने तो खिलाड़ियों के सिर्फ लीग क्रिकेट पर ध्यान देने के रवैये के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड यह साफ कर चुका है कि खिलाड़ियों को घरेलू प्रतियोगिताओं का भी हिस्सा बनना होगा।

Also Read: Funding To Save Test Cricket

Article Source: IANS

Advertisement

Advertisement