Final Match Between Kolkata Knight: क्रिकेट का पूरी तरीके से 'नवीनीकरण' हो चुका है। टेस्ट, वनडे और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट के बाद अब फ्रेंचाइजी लीग का बोलबाला है, लेकिन इससे कहीं न कहीं लंबे फॉर्मेट के खेल की खासियत खोती जा रही है। किसी जमाने में जो खेल जुनून, देश प्रेम और जेंटलमैन गेम के लिए मशहूर था अब वह सिर्फ 'कैश करो, ऐश करो' तक काफी हद तक सीमित हो गया है!
टी20 में कैश भी खूब है और ऐश भी। भारत में अभी भी खेलों के मामले में लोकप्रियता में क्रिकेटरों की कोई टक्कर नहीं है। उन्हें मोटे पैकेज के साथ-साथ सेलिब्रिटी ट्रीटमेंट भी मिलता है। मॉर्डन युग के क्रिकेटरों को लीग क्रिकेट के जरिए बहुत जल्द लाइमलाइट भी मिल जाती है।
इसके बाद रेड बॉल क्रिकेट तो बहुत दूर की बात है, खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट से भी खुद को दूर रखने लगे हैं। इसका मुख्य कारण है व्यस्त शेड्यूल और चोट का हवाला देकर उपलब्ध नहीं रहना। हालांकि, लीग क्रिकेट के टाइम यह खिलाड़ी पूरी तरह फिट रहते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) जैसे बड़े टूर्नामेंट में तो अक्सर यही देखा गया है कि सभी बड़े खिलाड़ी पूरे सीजन के लिए उपलब्ध रहते हैं।