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वर्ल्ड टी-20 में तीसरे अंपयार तकनीक में आया नयापन

नई दिल्ली, 22 मार्च | क्रिकेट में 24 साल पहले शुरू हुई तीसरे अंपायर की तकनीक अब एक नएपन के साथ इस्तेमाल की जा रही है। इस बदलाव को भारत में जारी आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में देखने को मिल रही

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वर्ल्ड टी-20 में तीसरे अंपयार तकनीक में आया नयापन
वर्ल्ड टी-20 में तीसरे अंपयार तकनीक में आया नयापन ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Mar 22, 2016 • 07:03 PM

नई दिल्ली, 22 मार्च | क्रिकेट में 24 साल पहले शुरू हुई तीसरे अंपायर की तकनीक अब एक नएपन के साथ इस्तेमाल की जा रही है। इस बदलाव को भारत में जारी आईसीसी वर्ल्ड टी-20 में देखने को मिल रही है। टेस्ट क्रिकेट में 1992 में पहली बार भारत के दक्षिण अफ्रीका दौरे में तीसरे अंपायर की तकनीक को इस्तेमाल किया गया था।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
March 22, 2016 • 07:03 PM

श्रीलंका के महिन्दा विजेसिंघे की इस सोच को डरबन के किंग्समीड मैदान पर हुए टेस्ट मैच में पहली बार प्रयोग में लाया गया था। तब से यह लगतार क्रिकेट का महत्वपूर्ण हिस्सा है। तीसरा अंपायर आमतौर पर खेल का एक शांत पर्यवेक्षक होता है, जो कुछ रिप्ले देखने के बाद अपना फैसला सुनाता है।

लेकिन हाल ही में भारत में जारी वर्ल्ड टी-20 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने तीसरे अंपायर को कमेंट्री की इजाजत भी दे दी है। जब अंपयार अपना फैसला सुनाने से पहले रिप्ले देखता है तो उस दौरान अब दर्शक भी अंपयार की आवाज सुन सकेंगे।

इस नए प्रयोग से दर्शक अब खेल के हर पहलू को समझ सकेंगे। मैदान पर मौजूद अंपायरों द्वारा जब भी फैसला तीसरे अंपायर को सौंपा जाता था तब रिप्ले देखकर हर कोई अपना फैसला लेता था। यह रिप्ले टीवी और इंटरनेट दोनों पर मौजूद रहते थे।

मैदान पर मौजूद दर्शक रिप्ले को देखकर अपना फैसला लेते थे और अगर अंपायर के फैसले से अगर असंतुष्ट होते थे तो अपने व्यवहार से शिकयत दर्ज कराते थे। तीसरे अंपायर को हालांकि उन नियमों का पालन करना होता था जिससे दर्शक अनजान रहते थे।

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एजेंसी

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