कड़ी मेहनत औऱ संवारे गए उमेश तो मेरी जगह ले सकते हैं: जहीर खान
मुंबई, 16 अक्टूबर| अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से बाएं हाथ के सीम गेंदबाज जहीर खान का संन्यास लेना भारतीय टीम में एक खालीपन छोड़ गया है। अब सवाल उठने लगा है कि अगला जहीर कौन होगा? इसका जवाब खुद जहीर ने ही
मुंबई, 16 अक्टूबर| अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से बाएं हाथ के सीम गेंदबाज जहीर खान का संन्यास लेना भारतीय टीम में एक खालीपन छोड़ गया है। अब सवाल उठने लगा है कि अगला जहीर कौन होगा? इसका जवाब खुद जहीर ने ही दे दिया है। जहीर मानते हैं कि मौजूदा स्पीडस्टर उमेश यादव को अगर सलीके से निखारा जाए और लगातार मौका दिया जाए तो वह उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं।
भारत के लिए 14 साल के करियर में 92 टेस्ट मैच खेलते हुए 311 टेस्ट विकेट लेने वाले जहीर ने गुरुवार को चोट से लगातार परेशान रहने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा। वर्ष 2000 में जहीर ने भारत के लिए पदार्पण किया था और अपना अंतिम अंतर्राष्ट्रीय मैच 2014 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंग्टन में खेला था।
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जहीर ने यहां अपने संन्यास की घोषणा के बाद एक विशेष साक्षात्कार में कहा, "उमेश की गेंदों में तेजी है। साथ ही उनकी गेंदों को मूवमेंट भी मिलती है। उनमें निश्चित तौर पर क्षमता है लेकिन इस क्षमता को अधिकतम स्तर तक निखारा और उपयोग में लाया जाना चाहिए।"
उमेश ने साल 2010 में जिम्बाब्वे के खिलाफ भारत के लिए पहला मैच खेला था। उन्होंने अब तक 15 टेस्ट मैचों में 48 विकेट लिए हैं। इसके अलावा 52 एकदिवसीय मैचों में उनके नाम 72 विकेट हैं।
जहीर ने कहा, "मुझे लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों में गति महत्वपूर्ण है लेकिन तेजी और सटीकता के संतुलन को बनाए रखा जाना चाहिए। आक्रमण पंक्ति में स्थायित्व होना चाहिए क्योंकि यह एक प्रक्रिया है। आपको ऐसे खिलाड़ियों को सजाना और संवारना चाहिए जो लय में हों।"
जहीर ने भारत के लिए सभी प्रारूपों में 610 विकेट लिए हैं और वह इस मामले में भारत के चौथे सबसे सफल गेंदबाज हैं। वह टेस्ट मैचों में भारत के लिए दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं। कपिल ने ही बतौर तेज गेंदबाज उनसे अधिक 434 विकेट लिए हैं।
जहीर ने कहा, "मुझे लगता है कि मेरा सफर काफी खास और बेहतरीन रहा है। क्रिकेट मेरा जीवन रहा है और किसी एक घटना को बता पाना काफी मुश्किल है। अनेकों यादों के बीच हालांकि एक याद है तो बेहद खास है और वह है 2011 विश्व कप खिताब जीतना।"
जहीर ने कंधे की चोट के बाद संन्यास का फैसला किया। इस चोट के कारण ही भारतीय टीम में उनकी वापसी के प्रयासों पर कुठाराघात हुआ। 14 साल के करियर में कई मौके ऐसे आए जब जहीर सिर्फ चोट के कारण टीम से बाहर रहे।
कई अन्य भारतीय खिलाड़ियों की तरह महाराष्ट्र के श्रीरामपुर के इस तेज गेंदबाज की भी मैदान में कई बल्लेबाजों के साथ बहस हुई हैं, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ साथ हुई उनकी बहस अविस्मरणीय है।
जहीर से जब सबसे मुश्किल बल्लेबाज के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, "अच्छे फार्म वाला कोई भी बल्लेबाज अपने अच्छे दिन मुश्किल से आउट होता है। यह बात सीरीज दर सीरीज बदलती रहती है।"
जहीर ने न्यूजीलैंड के जॉन राइट और साउथ अफ्रीका के गैरी कर्स्टन कोच करार दिया। जहीर की नजर में वे जिन कोचों की देखरेख में खेले हैं, उनमें से ये दोनों बेहतरीन हैं।
जहीर अपने करियर में सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेले हैं। अपने कप्तानों के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैंने सभी की कप्तानी में गेंदबाजी का काफी आनंद लिया और सभी के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं। सभी कप्तानों ने हमेशा मेरे मुताबिक फील्ड सजाई। मैं सबका अभारी हूं।"
जहीर ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया, जिन्होंने उनके करियर में अहम भूमिका अदा की। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी लोगों के समर्थन के बिना वह इस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते।
(आईएएनएस)