INTERVIEW: अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर से बहुत संतुष्ट हूं : गंभीर
नई दिल्ली, 12 दिसम्बर - दो बार विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे पूर्
कप्तानी के अनुभव को साझा करते हुए बांए हाथ के पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "अपने क्रिकेट करियर में कप्तानी के दौरान मुझे सबसे ज्यादा इस बात की खुशी रही कि मैंने पूरी ईमानदारी के अपनी कप्तानी की। ये मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है।"
करीब पांच साल तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के लिए भारतीय क्रिकेट में जगह मिलने से तंग आकर गंभीर ने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों संन्यास ले लिया।
यह पृूछे जाने पर घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद राष्ट्रीय टीम के लिए आपको नजरअंदाज किया गया? गंभीर ने कहा, "आप उन्हीं चीजों को अपने नियंत्रण में कर सकते हैं, जो आपके हाथ में हैं। टीम में चयन करना चयनकर्ताओं का काम है, मेरा नहीं। एक खिलाड़ी के लिए उसका मूल काम अपने खेल पर ध्यान देना है। अगर वह बल्लेबाज है तो उसका काम रन बनाना है और अगर वह गेंदबाज है तो उसका काम विकेट लेना है।"
गंभीर 2007 विश्वकप के अलावा 2011 विश्वकप में भी भारतीय टीम के खिताबी जीत के असली सूत्रधार रहे थे जहां उन्होंने 97 रन की बहुमूल्य पारी खेली थी। उनकी इस पारी के दम पर ही भारत ने श्रीलंका से मिले 275 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था।
यह पूछे जाने पर 97 को 100 में तब्दील नहीं कर पाने का आपको मलाल रहेगा, उन्होंने कहा, " 97 का स्कोर 0 से अच्छा है। लेकिन विश्वकप फाइनल जैसे बड़े मैचों में कोई भी खिलाड़ी व्यक्तिगत प्रदर्शन के लिए नहीं खेलता है बल्कि टीम की जीत के लिए खेलता है और मुझे खुशी है कि मैं विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा हूं। मैं अपनी इस पारी और पूरे क्रिकेट करियर से बेहद संतुष्ट हूं।"
गंभीर ने भारतीय टीम की आस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने की संभावनाओं पर कहा, "इस बार की भारतीय टीम मेजबानों से ज्यादा अनुभवी है। इसका परिणाम हम सब पहले टेस्ट में देख चुके हैं। टीम इंडिया ने जिस तरह से सीरीज की शुरुआत की है उसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। लेकिन अब हम सब की टीम से ज्यादा उम्मीद बढ़ गई और मुझे विश्वास है टीम इस बार कुछ अलग ही करेगी।"
आईएएनएस
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