यो-यो टेस्ट में फेल होने को लेकर मोहम्मद शमी ने तोड़ी चुप्पी,बताई उसके पीछे की वजह
नई दिल्ली, 7 मई (CRICKETNMORE)| भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के लिए पिछले 12 महीने काफी उतार-चढ़ाव वाले रहे हैं। जून 2018 में फिटनेस टेस्ट में फेल होने के बाद टेस्ट टीम से बाहर किए जाने से
तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि उन्होंने इसे सकारात्मक रूप से लिया और महसूस किया कि आलोचकों को इसका जवाब देने के बजाय उन्हें अपने काम को करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा, "उस समय दबाव था, लेकिन मैंने खुद से कहा कि मुझे अपनी फिटनेस पर काम करना है और मजबूती से वापसी करनी है। तब मैंने 12 से 14 किलो तक अपना वजन कम किया। अब आप देख सकते हैं कि अब मेरी शारीरिक फिटनेस सही है बल्कि अब मेरी गेंदबाजी में भी लय और गति देखने को मिलती है।"
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शमी ने आईपीएल के 12वें सीजन में किंग्स इलेवन पंजाब की ओर से खेलते हुए 14 मैचों में 19 विकेट लिए हैं। शमी मानते हैं कि उनका वनडे रिकॉर्ड भी टेस्ट क्रिकेट की तरह ही है।
उन्होंने कहा, "मैं कुछ समय के लिए वनडे क्रिकेट नहीं खेल रहा था। लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुई सीरीज से आत्मविश्वास काफी बढ़ गया, जिसे मैं आईपीएल में कायम रखना चाहता था। इसके अलावा पंजाब के लिए लगातार खेलने से भी मुझे काफी मदद मिली।"
तेज गेंदबाज ने कहा, "मैं बस मौके का इंतजार कर रहा था क्योंकि मेरे पास वनडे क्रिकेट में अच्छा रिकॉर्ड था। लगभग दो साल तक इंतजार करने के बाद मैंने सोचा था कि जब मुझे मौका मिलेगा तो मैं बताऊंगा कि मैं क्या कर सकता हूं।"
यह पूछे जाने कि अचानक रविचंद्रन अश्चिन की कप्तानी में खेलना क्या उनके लिए कुछ अलग था, उन्होंने कहा, "यह मजेदार और अलग था। एक गेंदबाज ही अन्य गेंदबाज को समझ सकता है जबकि एक बल्लेबाज दूसरे बल्लेबाज को ही समझ सकता है।"
उन्होंने कहा, "हमारे बीच अच्छा तालमेल है क्योंकि हम काफी लंबे समय से साथ खेल रहे हैं और एक दूसरे की ताकत और कमजोरी को अच्छे से जानते हैं। मैं उनके सामने जाकर बेझिझक बात कर सकता हूं।"