पिछले दिनों वेस्टइंडीज के युवा क्रिकेटर तेजनारायण चंद्रपॉल का टेस्ट डेब्यू खूब चर्चा में रहा। डेब्यू पारी में 50 और अभाग्यशाली रहे कि डेब्यू टेस्ट की दोनों पारी में 50 नहीं बना पाए (स्कोर 51 एवं 45)। उनका एक और परिचय, सिर्फ ये नहीं है कि वे टेस्ट क्रिकेटर शिवनारायण चंद्रपॉल के बेटे हैं। ये वही तेजनारायण चंद्रपॉल हैं जिन्होंने भारत की 1983 वर्ल्ड कप जीत पर बनी फिल्म '83' में लैरी गोम्स का रोल निभाया था।
2018 में सेंट लूसिया में एक मैच के दौरान, एक स्काउट ने फिल्म के लिए कुछ क्रिकेटरों को शार्ट लिस्ट किया और तेज उनमें से एक थे। जब फिल्म आई तो कई जगह लिखा गया कि कहीं ऐसा न हो जाए कि वे सिर्फ फिल्म में इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने तक ही रह जाएं? ऐसा नहीं हुआ। अब वे टेस्ट क्रिकेटर हैं।
आम तौर पर जब भी क्रिकेटरों के फिल्म में काम करने की बात होती है तो रिकॉर्ड ये है कि खिलाड़ी को इंटरनेशनल क्रिकेट में मशहूरी मिलने के बाद फिल्म ऑफर मिलते हैं। लिस्ट देख लीजिए- सलीम दुर्रानी से लेकर विनोद कांबली, हरभजन और श्रीसंत तक यही बात सच है। तेजनारायण चंद्रपॉल की मिसाल फर्क है- पहले फिल्म और उसके बाद इंटरनेशनल क्रिकेट। क्या भारत में कोई ऐसी मिसाल है कि किसी को फिल्म में काम करने के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने का मौका मिला?
