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आईपीएल की चमकती छवि हो रही है धुंधली?

नई दिल्ली, 24 अप्रैल | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण की शुरुआत भले ही काफी अच्छी रही हो, लेकिन दुनिया के सबसे सफल खेल आयोजनों में से एक इस लीग की चमक धुंधली पड़ती नजर आ रही है।

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आईपीएल की चमकती छवि हो रही है धुंधली?
आईपीएल की चमकती छवि हो रही है धुंधली? ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Apr 24, 2016 • 09:31 PM

नई दिल्ली, 24 अप्रैल | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण की शुरुआत भले ही काफी अच्छी रही हो, लेकिन दुनिया के सबसे सफल खेल आयोजनों में से एक इस लीग की चमक धुंधली पड़ती नजर आ रही है। क्रिकेट से जुड़े स्पाट फिक्सिंग के विवादों का आईपीएल की लोकप्रियता पर काफी हद तक नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

आईपीएल के छठे संस्करण में 2013 में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व प्रमुख एन. श्रीनिवासन से मैच फिक्सिंग से जुड़े विवाद के कारण दो टीमों चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स पर दो साल के लिए प्रतिबंध लगाया गया था।

बीसीसीआई ने हालांकि, आईपीएल में दो नई टीमों- राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स, गुजरात लॉयन्स को नौवें संस्करण में शामिल कर इस कमी को पूरा करने की कोशिश की है, लेकिन ऐसी धारणा है कि इस खेल में बड़े पैमान पर मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार के विवादों के कारण इसकी लोकप्रियता में कमी आई है।

मैच फिक्सिंग और भ्रष्टाचार विवादों के कारण श्रीनिवासन को बीसीसीआई के अध्यक्ष पद से हाथ धोना पड़ा था और यह मामला सेवानिवृत न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष गया।

इसके बाद लोढा समिति ने कई सुझाव प्रस्तुत किए और अगर उन्हें लागू किया जाता, तो शायद भारत में इस खेल में व्यापक तौर पर बदलाव हो सकते थे, लेकिन बीसीसीआई और अन्य संगठनों ने समिति के कई सुझावों की खिलाफत की।

आईपीएल की लोकप्रियता की कमी के पीछे का एक कारण यह भी है कि भारत अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रारूपों का आयोजन करने लगा है और साथ ही इसमें प्रगति भी कर रहा है।

हाल ही में आस्ट्रेलिया के दौरे से पहले दक्षिण अफ्रीका के साथ मेजबान के तौर पर टेस्ट मैचों की श्रंखला खेलना और टी-20 विश्व कप टूर्नामेंट के आयोजन से पहले एशिया कप जीतना।

आईपीएल के नौवें संस्करण का आगाज टी-20 विश्व कप के समापन के छह दिनों बाद तीन अप्रैल को हुआ था।

आईपीएल के दर्शकों की संख्या और मैचों के दौरान स्टेडियमों में लोगों की उपस्थिति की संख्या में कमी आना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले संस्करण व्यापक तौर पर लोकप्रिय हुए थे, लेकिन धीरे-धीरे लोगों के दिमाग से इसका बुखार उतरने लगा है।

आईपीएल की 2014 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, इसकी सकल प्राप्ती में 1,000 करोड़ (1.5 करोड़ डॉलर) की कमी आई है।

इन सबके अलावा, आईपीएल 2016 कई परेशानियों के कारण भी सुर्खियों में रहा है। महाराष्ट्र में पानी की कमी के कारण बम्बई उच्च न्यायालय का मैचों के स्थानांतरण का आदेश देना।

इसके बाद राजस्थान में एक पत्रकार महेश पारीख का राजस्थान उच्च न्यायालय में जयपुर में आईपीएल मैचों की मेजबानी के खिलाफ याचिका दायर करना।

इन मामले पर प्रतिक्रिया के लिए राजस्थान उच्च न्यायालय ने बीसीसीआई और राज्य सरकार को नोटिस भेजते हुए एक सप्ताह का समय दिया है। इन परेशानियों को देखते हुए आईपीएल के अगले संस्करण के आयोजन हेतु बीसीसीआई को काफी सोच विचार करना होगा।

बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने इस सप्ताह यहां संवादताताओं को बताया था, "हर कोई बीसीसीआई पर ही निशाना साध रहा है। मैचों के स्थानांतरण से काफी नुकसान होगा, जिसकी भरपाई बोर्ड को करनी पड़ेगी। यह एक प्रकार से बुरे सपने की तरह है। हमें इसका हल ढूंढना होगा। 10वें संस्करण के मैचों के लिए स्थलों के मामले पर आईपीएल का संचालन परिषद जल्द ही मिलकर फैसला करेगा।"

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
April 24, 2016 • 09:31 PM

इन सब मामलों का हालांकि, आईपीएल के प्रायजकों पर कोई असर नहीं पड़ा है। पेप्सी ने मैच फिक्सिंग के बाद इस खेल से अपना अनुबंध समाप्त कर लिया है, लेकिन चीन की मोबाइल कंपनी वीवो ने इसकी भरपाई कर दी है।

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एजेंसी

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