Advertisement
Advertisement
Advertisement

स्वदेशी खेल अब जम्मू-कश्मीर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन रहे हैं

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से उत्साहित होकर, पारंपरिक और स्वदेशी खेलों को अब जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा आयोजित विभिन्न...

Advertisement
IANS News
By IANS News October 29, 2022 • 10:58 AM
स्वदेशी खेल अब जम्मू-कश्मीर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन रहे हैं
स्वदेशी खेल अब जम्मू-कश्मीर में विभिन्न प्रतियोगिताओं का हिस्सा बन रहे हैं (Image Source: Google)

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू-कश्मीर के खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन से उत्साहित होकर, पारंपरिक और स्वदेशी खेलों को अब जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन द्वारा आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में शामिल किया जा रहा है।

इससे न केवल युवा खिलाड़ी खुश हैं, वयस्क भी विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में पारंपरिक और स्वदेशी खेलों को शामिल करने में रुचि दिखा रहे हैं। हाल ही में जिला प्रशासन ने डोडा में एक पारंपरिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें स्कूली छात्रों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इन खेलों में 'सतोलिया', 'कांचे' और 'लंगरी तांग' शामिल थे।

प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन जिला विकास आयुक्त विशेष पाल महाजन ने डोडा के खेल स्टेडियम में किया। यह युवा सेवा एवं खेल विभाग डोडा के प्रबंधन के तहत आयोजित किया गया था, जिसमें लगभग 20 स्थानीय स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया। एक प्रतिभागी ने आईएएनएस से कहा, इस तरह की स्वदेशी खेल प्रतियोगिता आयोजित करने से न केवल खिलाड़ियों को प्रतिभा दिखाने का मौका मिला है, बल्कि सांस्कृतिक यादें भी ताजा हो गई हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भविष्य में भी इसी तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

Also Read: Today Live Match Scorecard

इस अवसर पर बोलते हुए, महाजन ने कहा कि जन अभियान कार्यक्रम के तहत इस तरह की स्वदेशी खेल प्रतियोगिताओं से छात्रों को मानसिक और शारीरिक फिटनेस हासिल करने में मदद मिलेगी, साथ ही उन्हें अपने अतीत को जानने का अवसर भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के खेल आयोजनों में भाग लेने से युवा नशे और अन्य सामाजिक बुराइयों से भी दूर रहेंगे।


TAGS
Advertisement