Maharashtra Cricket Association Stadium: 2012 के बाद से भारत की घरेलू सरज़मीं पर पहली सीरीज़ हार के बाद भारतीय कप्तान रोहित शर्मा दुःखी तो हैं, लेकिन इसका ठीकरा अपने खिलाड़ियों पर नहीं फोड़ना चाहते हैं। पुणे की सूखी और धीमी पिच पर भारत के सीनियर स्पिनर आर अश्विन और रवींद्र जडेजा कुछ ख़ास प्रभाव नहीं छोड़ पाए और भारत को एक अप्रत्याशित हार का सामना करना पड़ा।
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में रोहित ने कहा, "हमारे सीनियर गेंदबाज़ों से हमेशा से बड़ी उम्मीदें होती हैं। उन्हें हर मैच में विकेट लेने और टीम को जीत दिलाने की ज़िम्मेदारी दी जाती है। लेकिन यह हमेशा सही नहीं है। यह केवल उनकी नहीं बल्कि सभी खिलाड़ियों की ज़िम्मेदारी है और सबको मिलकर काम करना होगा।"
अश्विन ने बेंगलुरु के पहले टेस्ट की दूसरी पारी में 16 ओवर में 94 रन देकर सिर्फ़ एक विकेट लिया, जबकि जडेजा दोनों पारियों में केवल तीन विकेट ही ले पाए। पुणे की अधिक मददग़ार पिच पर भी दोनों को दोनों पारियों में कुल मिलाकर भी क्रमशः पांच और तीन ही विकेट मिले। इस पर रोहित ने कहा, "यह सामान्य है कि बड़े खिलाड़ियों के खराब दिन आते हैं। उन्हें ऐसे दिनों में भी समर्थन मिलना चाहिए।"