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एमएमए डेब्यू में पहलवान संग्राम का सामना पाकिस्तान के अली रजा नासिर से होगा

Ali Raza Nasir: 2014-2015 के दौरान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पहले एंबेसडर संग्राम सिंह 21 सितंबर को जॉर्जिया के त्बिलिसी में हीरोज स्क्वायर पर होने वाले गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के अली रजा नासिर से मुकाबला करेंगे।

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IANS News
By IANS News September 03, 2024 • 21:56 PM
Wrestler Sangram to face Pakistan’s Ali Raza Nasir on MMA debut
Wrestler Sangram to face Pakistan’s Ali Raza Nasir on MMA debut (Image Source: IANS)

Ali Raza Nasir: 2014-2015 के दौरान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के पहले एंबेसडर संग्राम सिंह 21 सितंबर को जॉर्जिया के त्बिलिसी में हीरोज स्क्वायर पर होने वाले गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के अली रजा नासिर से मुकाबला करेंगे।

संग्राम सिंह ने इस नए अध्याय को लेकर अपनी उत्सुकता जाहिर करते हुए कहा, "मैं एक ऐसे भविष्य की कल्पना करता हूँ जहां भारतीय एथलीट्स अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर गर्व से खड़े हों और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में अपना करियर बना सकें। मेरी खुद की यात्रा कुश्ती से एमएमए तक सिर्फ मेरे लिए नहीं है। मैं चाहता हूं कि भारत में इस खेल को बढ़ावा मिले और हमारे युवा भारतीय फाइटर्स को अवसर मिले कि वे भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भाग ले सकें। मैं उन्हें प्रेरित करना चाहता हूं कि वे भी दुनिया में महानता हासिल कर सकते हैं।"

संग्राम सिंह के करियर का यह महत्वपूर्ण मोड़ न केवल कुश्ती से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में उनके सफल बदलाव का प्रतीक है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह भारत में इस खेल को युवाओं के करीब लाने के लिए कितने समर्पित हैं। सिंह को उम्मीद है कि एमएमए में शामिल होकर वह उन युवा खिलाड़ियों के लिए एक स्पष्ट रास्ता बना पाएंगे जो इस खेल में करियर बनाना चाहते हैं।

मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) में अपनी संभावित सफलता की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, "एक खिलाड़ी के रूप में मैं खेल को अच्छे से समझना चाहता हूं कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कैसे देखा जाता है। साथ ही, मैं देखता हूं कि मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (एमएमए) का बॉक्सिंग और कुश्ती सहित सभी लड़ाई के खेलों पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव हो सकता है।"

संग्राम सिंह अपने शानदार कुश्ती करियर के लिए जाने जाते हैं, जिसमें उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और भारतीय खेलों पर गहरा प्रभाव डाला है।

संग्राम ने अपने भाई को लड़ते हुए देखकर पेशेवर पहलवान बनने का सपना देखा था। गठिया रोग से पीड़ित होते हुए भी, संग्राम सिंह ने सभी बाधाओं को पार करते हुए अंतर्राष्ट्रीय कुश्ती की राह बनाई। 2012 में उन्हें वर्ल्ड के बेस्ट प्रोफेशनल रेसलर का खिताब दिया गया और 2015 और 2016 के कॉमनवेल्थ हैवीवेट चैंपियनशिप में भी विजय प्राप्त की थी।

संग्राम सिंह अपने शानदार कुश्ती करियर के लिए जाने जाते हैं, जिसमें उन्होंने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया है और भारतीय खेलों पर गहरा प्रभाव डाला है।

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Article Source: IANS


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