5 जनवरी को देश को समर्पित होगा राउरकेला में स्थापित दुनिया का सबसे विशाल हॉकी स्टेडियम, झारखंड भी है इस गौरव का सहभागी
ओडिशा के राउरकेला में बना विश्व का सबसे विशाल हॉकी स्टेडियम आगामी 13 जनवरी से वल्र्ड कप हॉकी के मुकाबलों के लिए तैयार है। इसके पहले 5 जनवरी को जब इस स्टेडियम का उद्घाटन होगा, तो यह तारीख ओडिशा और झारखंड के खेल इतिहास में यादगार क्षण के रूप में दर्ज हो जाएगी।
रांची, 2 जनवरी ओडिशा के राउरकेला में बना विश्व का सबसे विशाल हॉकी स्टेडियम आगामी 13 जनवरी से वल्र्ड कप हॉकी के मुकाबलों के लिए तैयार है। इसके पहले 5 जनवरी को जब इस स्टेडियम का उद्घाटन होगा, तो यह तारीख ओडिशा और झारखंड के खेल इतिहास में यादगार क्षण के रूप में दर्ज हो जाएगी। स्टेडियम के उद्घाटन के मौके पर यहां हॉकी का पहला मैच झारखंड और ओडिशा की जूनियर पुरुष टीम के बीच खेला जाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस स्टेडियम का नामकरण देश के महान जनजातीय नायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर किया गया है। बिरसा मुंडा की जन्मभूमि और कर्मक्षेत्र झारखंड है, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उनके उलगुलान (क्रांति) की चेतना देश के कई हिस्सों में फैली थी। जनजातीय समाज में उन्हें भगवान का दर्जा दिया जाता है। राउरकेला में निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम उन्हीं की पावन स्मृतियों को समर्पित है।
15 एकड़ में फैला यह स्टेडियम दुनिया का पहला इको फ्रेंडली हॉकी स्टेडियम है। स्टेडियम में दर्शकों की क्षमता 27 हजार है। खासियत यह है कि यहां हर सीट की बनावट ऐसी है कि दर्शक दुनिया के किसी भी स्टेडियम के मुकाबले मैदान के ज्यादा करीब होंगे। स्टेडियम में प्रैक्टिस पिच और चेंजिंग रूम को जोड़ने के लिए टनल बनाई गई है। फिटनेस सेंटर, रिकवरी केंद्र और पिच के पास हाइड्रोथेरेपी पूल बनाया गया है। इससे जुड़े दो होटल हैं, जहां वल्र्ड कप हॉकी में भाग लेने पहुंचने वाले देश-विदेश के खिलाड़ी ठहरेंगे। स्टेडियम को भूकंप रोधी है। स्टेडियम को मौसम के अनुकूल रखने के लिए 250 एचपी डक्टबल एसी यूनिट लगाई गई है। करीब 300 करोड़ की लागत से बने इस स्टेडियम का डिजाइन बीजू पटनायक यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के इंजीनियरों ने तैयार किया है।
उल्लेखनीय है कि इस स्टेडियम का नामकरण देश के महान जनजातीय नायक और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर किया गया है। बिरसा मुंडा की जन्मभूमि और कर्मक्षेत्र झारखंड है, लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ उनके उलगुलान (क्रांति) की चेतना देश के कई हिस्सों में फैली थी। जनजातीय समाज में उन्हें भगवान का दर्जा दिया जाता है। राउरकेला में निर्मित दुनिया का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम उन्हीं की पावन स्मृतियों को समर्पित है।
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एसएनसी/एएनएम
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