फिरोजशाह कोटला मैदान दिल्ली का हमेशा से भारतीय भारतीय स्पिन गेंदबाजों के लिए मददगार साबित हुआ है। चाहे वो भारत के मैजिकल गेंदबाज अनिल कुंबले हों या फिर वर्तमान में अपने गेंदबाजी से पूरे वर्ल्ड के बल्लेबाजों के अंदर खौफ पैदा करने वाले रविचंद्रन अश्विन हो। सभी गेंदबाजों ने अपने स्पिन गेंदबाजी से फिरोजशाह कोटला में अपना सर्वश्रेष्ठ देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। कल से शुरु होने वाले टेस्ट मैच से पहले जानते हैं टॉप 5 गेंदबाजी परफॉर्मंस के बारे में जिसने इस मैदान को एतिहासिक बना दिया है।
अनिल कुंबले 10/ 74 बनाम पाकिस्तान – 4 फरवरी 1999 को फिरोजशाह कोटला के मैदान पर भारत के अनिल कुंबले ने इतिहास लिखते हुए एक टेस्ट मैच की एक पारी में पूरे 10 विकेट लेकर इंग्लैंड के जिम लेकर के बाद दुनिया के केवल दूसरे ऐसे गेंदबाज बन गए थे जिसने एक टेस्ट मैच की एक पारी में 10 विकेट चटकाए थे। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान अनिल कुंबले ने पाकिस्तान की दूसरी पारी में 26. 3 ओवर में केवल 74 रन देकर 10 विकेट चटकाए थे। भारत ने यह टेस्ट मैच 212 रन के बड़े अंतर से जीता था।
वीनू मांकड़ 8/52 बनाम पाकिस्तान (1952): 16 अक्टूबर 1952 को दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट मैच में भारत के वीनू मांकड़ ने अपनी गेंदबाजी से जो करिश्मा किया था वो बेहद ही असाधारण था। वीनू मांकड़ ने पाकिस्तान की पहली पारी में 47 ओवर गेंदबाजी कर केवल 52 रन खर्च कर 8 पाकिस्तानी बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। इतना ही नहीं मांकड़ ने दूसरी पारी में भी पाकिस्तान के 5 बल्लेबाज को आउट किया था। उस टेस्ट मैच में मांकड़ ने कुल 13 विकेट चटकाए थे। भारत ने टेस्ट मैच एक पारी और 70 रन से जीती थी।