टीम इंडिया के 5 दिग्गज खिलाड़ी जिन्होंने नहीं खेला है एक भी वर्ल्ड कप, लिस्ट में चौंकाने वाले नाम
क्रिकेट के खेल में वर्ल्ड कप सबसे बड़ा इवेंट होता है जिसमें और इसका हिस्सा होना बहुत बड़ी बात होती हैं। बहुत से ऐसे खिलाड़ी हुए जिन्होंने वनडे और टेस्ट मैचों में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कभी भी वो भारतीय वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा नहीं बन पाए। आइये जानते है भारत के ऐसे 4 शानदार खिलाड़ी जिन्होंने अपने करियर में कभी वर्ल्ड कप नहीं खेला।
वीवीएस लक्ष्मण
भारत के वेरी वेरी स्पेशल बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण की गिनती भारत के बेहतरीन बल्लेबाजों में होती हैं और एक समय वो सचिन, गांगुली,द्रविड़ के साथ भारतीय बल्लेबाजी का मजबूत स्तंभ माने जाते थे। लक्ष्मण वनडे मैचों में उतना असर नही डाल पाएं जितना बेहतरीन वो टेस्ट में खेले। ईडन गार्डन्स पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके द्वारा 281 रनों की पारी आज भी टेस्ट मैचों के नायाब पारियों में गिनी जाती हैं। कहीं ना कहीं उनके धीमी बल्लेबाजी के कारण लक्ष्मण को वनडे मैचों में ज्यादा मौके नहीं मिलें। 2003 वर्ल्ड कप के भारतीय टीम में लक्ष्मण का चयन लगभग हो गया था। लेकिन आखिरी मौके पर लक्ष्मण को हटाकर उनकी जगह दिनेश मोंगिया को टीम में चुन लिया गया और लक्ष्मण वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा होने से चूक गए।
चेतेश्वर पुजारा
वर्ल्ड क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा की गिनती बेहतरीन तकनीकी बल्लेबाजों में होती हैं। खेल पर फोकस और लाजवाब मानसिक दृढ़ता होने से पुजारा टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा सफल है। दूसरी तरफ कहीं ना कहीं धीमी बल्लेबाजी के कारण वो कभी भी लिमिटेड ओवर के खेल में अपनी जगह नहीं बना पाए। हैरानी की बात यह है कि पुजारा साल 2006 में हुए अंडर 19 क्रिकेट वर्ल्ड में 116 की बेहतरीन औसत से 346 रन बनाते हुए उस टूर्नामेंट के सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे थे। पुजारा अपना इंटरनेशनल डेब्यू करने के बाद कुछ मौकों पर भारत के लिए वनडे मैचों में ओपनिंग करते हुए नजर आए लेकिन वो ज्यादा सफल नहीं हुए। वनडे में मौका मिलने के बावजूद लगातार फेल होते रहने के कारण ही शायद चयनकर्ताओं ने पुजारा को वर्ल्ड कप का हिस्सा बनाने के बारे में नहीं सोचा।
इरफान पठान
2007 वर्ल्ड टी-20 फाइनल में मैन ऑफ द मैच और टेस्ट क्रिकेट में पहले ओवर में हैट्रिक लेने वाले ऑलराउंडर इरफान पठान ने भी भारत के लिए 50 ओवर का वर्ल्ड कप नहीं खेला। जहीर खान,मुनफ पटेल और अजीत अगरकर जैसे गेंदबाज होने के चलते उन्हें 2007 वर्ल्ड कप में जगह नहीं मिली थी। इसके बाद 2011 और 2015 वर्ल्ड कप में भी उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला क्योंकि इस दौरान उन्होंने ज्यादा वनडे क्रिकेट नहीं खेला था।
मुरली विजय
मुरली विजय ने जब अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया तब सहवाग और गंभीर भारतीय वनडे टीम के ओपनर हूआ करते थे। शायद यही कारण था कि विजय को वनडे से ज्यादा टेस्ट क्रिकेट में मौका मिला। आईपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद उन्हें भारतीय टीम में जगह मिली लेकिन वो वनडे से ज्यादा टेस्ट में सफल हुए और वर्तमान में भारतीय टेस्ट टीम के सलामी बल्लेबाज के रूप में पहली पसंद मुरली विजय ही हैं। हालाँकि विजय को कई मौकों पर वनडे मैचों भारतीय टीम के ओपनर के रूप में आजमाया गया है लेकिन वो वनडे में अपनी बल्लेबाजी से वो करिश्मा नहीं दिखा पाए की उनका नाम वर्ल्ड कप की टीम में शामिल किया जाए।
इशांत शर्मा
भारत के लंबे तेज गेंदबाज इशांत शर्मा ने जब भारत के लिए डेब्यू किया तब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्होंने अपनी तेज गति की गेंदबाजी से सबको बखूबी प्रभावित किया। इशांत में वो काबिलियत है कि वो गेंद को हवा में दोनों तरफ स्विंग करवा सकते है शायद इसलिए पिछले कुछ सालों में भारत को विदेशी सरजमीं पर मिली टेस्ट मैच जीतों में ईशांत का अहम हाथ रहा हैं। हालांकि लगातार चोटों से ग्रसित होने तथा वनडे में साधारण गेंदबाजी प्रदर्शन के कारण वो लिमिटेड ओवर के मैचों से दूर हो गए। एक अनुभवी गेंदबाज होने के कारण चयनकर्ताओं ने उन्हें चुना 2015 वर्ल्ड कप के लिए टीम में लिया लेकिन एक बार फिर वो चोट से ग्रसित हो गए और वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खेलने का उनका सपना टूट गया।