पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए 'प्रेरणास्रोत' बनी रोहित ब्रिगेड
खिलाड़ियों का अथक प्रयास और अटूट समर्पण ही उनकी जीत की गाथा लिखता है। चाहे खेल बल का हो या बुद्धि का, एक खिलाड़ी को चैंपियन या महान उसका दृढ़ संकल्प बनाता है। इसका सबसे बड़ा ताजा उदाहरण रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया है, जिन्होंने बारबाडोस में टी20 विश्व कप पर कब्जा जमाया।
उनकी इस जीत पूरे देश खासकर पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले एथलीटों को प्रेरित किया है। इसकी वजह यह 'हार के मुंह से जीत छीनने का जज्बा रखना', जो हमारी भारतीय क्रिकेट टीम ने कर दिखाया है। इस बात को खुद भारतीय हॉकी टीम के महान गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने भी माना।
अपना चौथा ओलंपिक खेलने जा रहे पीआर श्रीजेश ने मीडिया में दिए एक इंटरव्यू में कहा," मैंने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खिताबी मुकाबला देखा। मैंने इससे सबसे बड़ी सीख ली है कि आखिर गेंद से पहले जश्न नहीं मनाना चाहिए। मैच में एक ऐसा समय था जब अफ्रीकी टीम 15वें ओवर तक जीत की दहलीज पर खड़ी थी। लेकिन भारतीय टीम ने उम्मीद नहीं छोड़ी और हार की कगार पर पहुंचकर जीत दर्ज की।"
भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी खिलाड़ी और 328 मैच खेल चुके श्रीजेश ने आगे कहा, "इससे हमें ही नहीं बल्कि पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी को सीख लेनी चाहिए। हार नहीं माननी है और अंत तक लड़ना है, जीत जरूर मिलेगी। मैं इस बात को ओलंपिक में याद रखूंगा।"
भारत पेरिस ओलंपिक के लिए लगभग 120 एथलीटों का दल भेजेगा। इस दल में भारत के पुरुष भाला फेंक स्टार खिलाड़ी और डिफेंडिंग चैंपियन नीरज चोपड़ा के नेतृत्व वाली एथलेटिक्स टीम के अलावा 21 सदस्यीय निशानेबाजी टीम और 16 सदस्यीय पुरुष हॉकी टीम शामिल है।
भारतीय हॉकी टीम के अनुभवी खिलाड़ी और 328 मैच खेल चुके श्रीजेश ने आगे कहा, "इससे हमें ही नहीं बल्कि पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले हर खिलाड़ी को सीख लेनी चाहिए। हार नहीं माननी है और अंत तक लड़ना है, जीत जरूर मिलेगी। मैं इस बात को ओलंपिक में याद रखूंगा।"
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भारत ने बार-बार खेलों की मेजबानी करने की इच्छा जताई है और इस मामले में भारत को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) प्रमुख थॉमस बाक का समर्थन प्राप्त हुआ है। भारत 2036 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी के लिए बोली लगाएगा।