जब मेजबान को मात देकर फाइनल में पहुंचा भारत
1983 वर्ल्ड कप में भारत ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को हैरान कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी ।
1983 वर्ल्ड कप में भारत ने अपने शानदार प्रदर्शन से सभी को हैरान कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी । भारत ने लीग मुकाबलों में वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों को हराया था। सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला क्रिकेट के जनक इंग्लैंड के खिलाफ था और क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना था कि भारत के लिए इंग्लैंड को हराना आसान नहीं होगा। लेकिन भारत ने शानदार खेल दिखाते हुए इंग्लैंड को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी।
22 जून 1983 को ओल्ड ट्रैफोर्ड स्टेडियम में मेजबान इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। ग्रीम फॉलर और क्रिस टवारे की जोड़ी ने मिलकर पहले विकेट के लिए 69 रन की साझेदारी कर इंग्लैंड को मजबूत शुरूआत दी। ग्रीम फॉलर (33 रन) और क्रिस टवारे (32) रन के अलावा इंग्लैंड का कोई भी बल्लेबाज कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाया और इंग्लैंड निर्धारित 60 ओवर में 213 रन पर ऑल आउट हो गई थी। कप्तान कपिल देव ने 3, रोजर बिन्नी ने 2 और अहम मौकों पर शानदार खेल दिखाने वाले मोहिंदर अमरनाथ ने भी 2 विकेट लिए थे।
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भारत को फाइनल में एंट्री करने के लिए 214 रन बनाने थे। क्रिस श्रीकांत और सुनील गावस्कर की जोड़ी ने मिलकर पहले विकेट के लिए 46 रन जोड़े। श्रीकांत (19 रन) के रूप में भारत को पहला झटका लगा। श्रीकांत के आउट होने के बाद स्कोर में केवल चार रन हीं जुड़े थे कि गावस्कर (25 रन) आउट होकर वापस पवेलियन लौट गए। जिसके बाद मोहिंदर अमरनाथ और यशपाल शर्मा की जोड़ी ने मिलकर भारतीय पारी को संभाला और तीसरे विकेट के लिए 98 रन की बेहतरीन साझेदारी करी। अमरनाथ ने 46 रन की शानदार पारी खेली लेकिन वह दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हो गए थे। अमरनाथ के आउट होने के बाद मैदान पर आए संदीप पाटिल ने यशपाल का बखूबी साथ निभाया और चौथे विकेट के लिए 63 रन की साझेदारी कर टीम को जीत की दहलीज तक लेकर गए। भारत को चौथा झटका यशपाल शर्मा के रूप में लगा लेकिन तब तक वह अपना काम कर चुथे थे। यशपाल ने 115 गेंदों में 63 रन की धीमी पर बेहद महत्वपूर्ण पारी खेली। पाटिल ने 32 गेंदों में नाबाद 51 रन की ताबड़तोड़ खेली और भारत को जीत दिलाकर ही दम लिया। भारत ने 32 गेंद बाकी रहते हुए 4 विकेट पर 217 रन बनाकर बड़ी आसानी से मैच अपने नाम कर लिया था।
बल्लेबाजों औऱ गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने मेजबान इंग्लैंड को 6 विकेट से हराकर वर्ल्ड कप से बाहर कर दिया था और पहली बार वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी। अमरनाथ को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के चलते मैन ऑफ द मैच चुना गया था।