5 दिन बाद ही ले लिया मनोज तिवारी ने यू टर्न, रिटायरमेंट ले ली वापस
भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने 5 दिन पहले क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास ले लिया था लेकिन अब उन्होंने यू टर्न लेते हुए अपनी रिटायरमेंट वापस ले ली है जिसका मतलब ये है कि वो बंगाल के लिए क्रिकेट
भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने 5 दिन पहले (3 अगस्त) ही क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया था लेकिन अब उन्होंने यू टर्न लेते हुए अपनी रिटायरमेंट वापस ले ली है। जी हां, मनोज तिवारी ने अपने संन्यास के फैसले को पलट दिया है और अब वो बंगाल क्रिकेट के लिए खेलना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) के अध्यक्ष स्नेहासिस गांगुली से चर्चा के बाद मनोज ने अपना फैसला बदला है।
मनोज आज बाद में CAB अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। मंगलवार, 8 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तिवारी द्वारा आधिकारिक तौर पर अपने फैसले की घोषणा करने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक CAB अध्यक्ष ने उनसे खेलना जारी रखने का अनुरोध किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मनोज के नेतृत्व में ही पिछले साल बंगाल रणजी ट्रॉफी में उपविजेता बना था। मनोज के टीम छोड़ने से मध्यक्रम में एक बड़ा खालीपन आ जाएगा यही कारण है कि CAB अध्यक्ष ने उनसे खेलना जारी रखने के लिए कहा है।
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इससे पहले 3 अगस्त को तिवारी ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट से एक लंबा चौड़ा पोस्ट शेयर करते हुए रिटायरमेंट का ऐलान किया था। उन्होंने लिखा था, 'क्रिकेट के खेल को अलविदा। इस खेल ने मुझे सब कुछ दिया है, मेरा मतलब है कि हर एक चीज़ जिसके बारे में मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था, उस समय से लेकर जब मेरे जीवन को विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों से चुनौती मिली थी। मैं इस खेल और भगवान का हमेशा आभारी रहूंगा, जो हमेशा मेरे पक्ष में रहे। इस अवसर पर मैं उन लोगों के प्रति अपनी हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरी क्रिकेट यात्रा में भूमिका निभाई है। मेरे बचपन से लेकर पिछले साल तक मेरे सभी कोचों को धन्यवाद, जिन्होंने मेरी क्रिकेट उपलब्धियों में भूमिका निभाई है।'
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आगे लिखते हुए तिवारी ने कहा, 'मेरे पिता तुल्य कोच मानवेंद्र घोष क्रिकेट यात्रा में स्तंभ रहे हैं। अगर वो नहीं होते तो मैं क्रिकेट जगत में कहीं नहीं पहुंच पाता। धन्यवाद सर और आपके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं, क्योंकि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। मेरे पिताजी और मां को धन्यवाद, उन्होंने कभी मुझ पर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने का दबाव नहीं डाला बल्कि उन्होंने मुझे क्रिकेट में बने रहने के लिए प्रोत्साहित किया। मेरी पत्नी को बहुत-बहुत धन्यवाद, जो मेरे जीवन में आने के बाद से हमेशा मेरे साथ रही हैं। उनके निरंतर समर्थन के बिना, मैं जीवन में उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाता जहां मैं आज हूं और मेरे सभी साथियों, पूर्व और वर्तमान, और बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन और एसोसिएशन के सभी सदस्यों को, जिन्होंने मेरी यात्रा में भूमिका निभाई है। मैं उन क्रिकेट प्रशंसकों का जिक्र कैसे नहीं कर सकता, जिन्होंने मेरे उतार-चढ़ाव के दौरान मेरा साथ दिया और मुझे आज की दुनिया में एक क्रिकेट हस्ती बनाया। मेरे दिल की गहराइयों से बहुत-बहुत धन्यवाद। इतना ही।'