विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार हारी वनडे सीरीज, इंग्लैंड को मिली धमाकेदार जीत
18 जुलाई,(CRICKETNMORE)। इंग्लैंड ने हेडिंग्ले मैदान पर खेले गए तीसरे और आखिरी वनडे मैच में मंगलवार को पहले गेंद और फिर बल्ले से बेहतरीन प्रदर्शन के दम पर भारत को पस्त कर आठ विकेट से जीत सीरीज 2-1 से अपने
आसान से लक्ष्य का पीछा करने उतरी मेजबान टीम को जीत के दरवाजे तक पहुंचने में कोई परेशानी नहीं आई। जेम्स विंसे (27) और जॉनी बेयर्सटो (30) ने उसे सधी हुई शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए 43 रन जोड़े। ठाकुर ने सुरेश रैना के हाथों बेयर्सटो को कैच करा भारत को पहली सफलता दिलाई। 74 के कुल स्कोर पर इंग्लैंड ने अपना दूसरा विकेट विंसे के रूप में खोया जो रन आउट हुए।
इसके बाद कप्तान और रूट ने कोई और विकेट नहीं गिरने दिया। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 186 रनों की साझेदारी कर अपनी टीम को जीत दिलाई। मोर्गन ने अपनी नाबाद पारी में 108 गेंदें खेलीं और नौ चौकों के अलावा एक छक्का लगाया। वहीं रूट ने 120 गेंदों का सामना किया। उनकी नाबाद पारी में 10 चौके लगाए। यह रूट का 13वां वनडे शतक है। उन्होंने दूसरे वनडे में भी 113 रनों की पारी खेली थी।
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इससे पहले, कोहली ने सलामी बल्लेबाज धवन के साथ दूसरे विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी की। धवन को इस मैच में अपने सलामी जोड़ीदार रोहित शर्मा (2) का साथ नहीं मिल सका जो छठे ओवर की चौथी गेंद पर डेविड विले की गेंद पर आउट हो गए। शुरुआत में रोहित और धवन दोनों मार्क वुड और विले की स्विंग लेती गेंदों पर संघर्ष कर रहे थे। नतीजन रनगति काफी धीमी थी।
धवन को जब कोहली का साथ मिला तो रनगति पटरी पर आनी शुरू हुई। हालांकि यह जोड़ी टीम के बड़े स्कोर की नींव रख पाती तभी बेन स्टोक्स ने धवन को रन आउट कर इस साझेदारी को तोड़ दिया। धवन 84 के कुल स्कोर पर आउट हुए।
कोहली ने इस मैच में लोकेश राहुल के स्थान पर दिनेश कार्तिक को टीम में जगह दी। कार्तिक ने शुरुआत तो अच्छी की, लेकिन बड़ी पारी नहीं खेल सके। 22 गेंदों में 21 रन बनाने वाले कार्तिक 125 के कुल स्कोर पर लेग स्पिनर आदिल राशिद की गेंद पर बोल्ड हो गए।
राशिद ने ही 156 के कुल स्कोर पर कोहली को बोल्ड कर भारत को बड़ा झटका दिया। अब जिम्मेदारी टीम के दो सबसे अनुभवी बल्लेबाजों और ऐसी विषण परिस्थतियो में कई बार टीम को बाहर निकालने वाले सुरेश रैना और महेंद्र सिंह धोन पर थी। रैना विफल रहे और रन ही बना कर राशिद का तीसरा शिकार बने।
दूसरे छोर पर धोनी थे उन्हें साथ की जरूरत थी। हार्दिक पांड्या ने उम्मीद जगाई लेकिन वुड के बेहतरीन गेंद उनके बल्ले का बाहरी किनारा लेकर विकेट के पीछे जोस बटलर के हाथों में जा समाई। वह 21 गेंदों में 21 रन ही बना सके जिसमें दो चौके शामिल थे।
पांड्या के बाद धोनी विले का शिकार होकर पवेलियन लौट लिए। अर्धशतक से आठ रन दूर रहने वाले पूर्व कप्तान ने 66 गेंदों की पारी में चार चौके लगाए।
अंत में भुवनेश्वर और ठाकुर ने टीम को बचाया। भुवनेश्वर आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर विले का शिकार बने।
इंग्लैंड के लिए राशिद और विले ने तीन-तीन विकेट लिए। वुड को एक सफलता मिली।