जब कमजोर आयरलैंड ने तोड़ा इंग्लैंड का गुरूर
वर्ल्ड कप के इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं जब बड़ी टीमों को अपने विरोधी को कम कर के आंकना बहुत बारी पड़ा है। इस मामले में इंग्लैंड की टीम सबसे आगे हैं।
वर्ल्ड कप के इतिहास में कई ऐसे मौके आए हैं जब बड़ी टीमों को अपने विरोधी को कम कर के आंकना बहुत बारी पड़ा है। इस मामले में इंग्लैंड की टीम सबसे आगे हैं। 1983 में भारत को 1992 में जिम्बाब्वे की टीम के खिलाफ इसके सबसे अच्छे उदाहरण है।नएक ऐसा ही मौका इंग्लैंड और आयरैंलड के बीच में आया जब इंग्लैंड ने अपने से कमजोर टीम आरयलैंड को अपने से कम आंकने की गलती करी जिसके कारण उसे 2011 वर्ल्ड में शर्मानक हार का सामना करना पड़ा था। 2 मार्च 2011 को बेंगलुरू के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम पर हुए डे-नाइट मैच में एक ऐसा उलट –फेर हुआ जिसने वर्ल्ड कप के समीकरण को पलट कर रख दिया था।
इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया । आशा के अनुरूप इंग्लैंड के बल्लेबाजों आयरलैंड के गेंदबजों पर टूट पड़े और केविन पीटरसन और एंड्रयू स्ट्रॉस की सलामी जोड़ी ने 13.3 ओवर में पहले विकेट के लिए 91 रन की साझेदारी कर दी थी। इंग्लैंड के शीर्ष 3 बल्लेबाजों ने जमकर बल्लेबाजी की और अर्धशतक लगाए। पीटरसन , जोनाथन ट्रोट और इयान बेल ने क्रमश: 59, 92, और 81 रन की जबरदस्त पारी खेली। इंग्लैंड ने आयरलैंड के सामने 50 ओवरों में 8 विकेट के नुकसान पर 327 रनों का विशाल लक्ष्य खड़ा किया।
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वर्ल्ड कप जैसे बड़ा टूर्नामेंट में आयरलैंड के लिए यह स्कोर बहुत बड़ा था। इतने बड़े स्कोर का दबाव आयरलैंड पर साफ तौर पर दिखा और पहले ही ओवर की पहली गेंद पर इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने कप्तान विलियम पोर्टफील्ड को आउट कर आयरलैंड की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया।
इसके बाद आयरलैंड के पॉल स्टिर्लिंग और एड जॉयस ने पारी को संभालने की हरसंभव कोशिश की और टीम का स्कोर 10 ओवर में 62 रन पर पहुंचा दिया। लेकिन इंग्लैंड के वर्ल्ड क्लास गेंदबाजी अटैक के सामने आयरलैंड के बल्लेबाज फिसड्डी साबित होने लगे। जब स्पिन गेंदबाज ग्रीम स्वान ने जॉयस को स्टंप आउट करा कर आयरलैंड की टीम को बैकफुट पर ला दिया।
जिस समय आयरलैंड का स्कोर 25वें ओवर तक 111 रन पर 5 विकेट था तो मैच सिर्फ बोरियत और औपचारिकता भर महसूस हो रहा था। लेकिन इस मैच में अभी रोमांच आना बाकि था। आयरलैंड के बल्लेबाज केविन ओ’ब्रायन ने एक बेहतरीन पारी खेलकर इंग्लैंड के गेंदबाजी अटैक की कमर तोड़ दी थी। केविन ओ’ब्रायन ने अपने ईरादे तभी स्पष्ट कर दिए थे जब वह पारी नौंवे ओवर में बल्लेबाजी करने आए थे। उन्होंन स्वान की गेंद पर मिडविकेट के ऊपर से दो ताबड़तोड़ छक्के जड़े थे । इसके बाद को केविन ओ’ब्रायन ने जो किया वो वर्ल्ड कप के रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया। केविन ओ’ब्रायन ने केवल 30 गेंद पर अर्धशतक बनाया और फिर सिर्फ 50 गेंद में शतक बनाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया था। ओ’ब्रायन वर्ल्ड कप में सबसे तेज शतक लगाने वाले खिलाड़ी बन गए थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू हेडन के रिकॉर्ड को तोड़ा था जिन्होंने 66 गेंदों में यह कारनामा किया था।
केविन ओ’ब्रायन और अलेक्स कसक ने छठे विकेट के लिए तेजी से रन बनाते हुए 150 रनों की पार्टनरशिप केवल 94 गेंद में कर डाली लेकिन 47 रन के निजी स्कोर पर कसक के दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होने के बाद आयरलैंड के ऊपर एक बार फिर संकट के बादल मंडराने लगे थे ।
लेकिन इस नाजुक मौके पर भी आयरलैंड की टीम ने जिस एकजुटता का परिचय दिया वो आसाधारण था। कसक के बाद मैदान पर उतरे पुछल्लें बल्लेबाज जॉन मूनी क्रीज पर डटे रहे और ओ’ब्रायन ने अपना खेल जारी रखा। 48.1 ओवर में ओ’ब्रायन दूसरा रन चुराने के चक्कर में ब्रेसनन के हाथों रन आउट हो गए। जिस वक्त ओ’ब्रायन रन आउट हुए उस समय आयरलैंड का स्कोर 317 रन था। अभी भी आयरलैंड की टीम को जीत के लिए11 बॉल पर लगभग 11 रनों की दरकार थी। बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम पर मौजूद लगभग 23,500 क्रिकेट प्रेमियों के जेहन में रोमांच अपने चरम पर पहुंच गया।
इंग्लैंड भी मैच को हर हाल में अपनी साख बचाने के लिए कमर कस चुकी थी। ओ’ब्रायन के आउट होने के बाद मैदान पर उतरे ट्रेंट जोह्न्स्तों ने स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंद पर कवर की ओर चौका जड़कर आयरलैंड के लिए लक्षय को और समीप ला दिया । अब आयरलैंड को 10 गेंद पर 7 रन बनानें थे। ब्रॉड की ओवर में जॉन मूनी और जोह्न्स्तों ने बेहतरीन बल्लेबाजी कर टीम का स्कोर 49 ओवर में 325 रन तक पहुंचा दिया । अंतिम ओवर में आयरलैंड को जीत के लिए 6 गेंद पर केवल 3 रन बनानें थे। इंग्लैंड के गेंदबाजों के लिए मैच बचाना बेहद ही मुश्किल हो गया और इंग्लैंड के लिए अंतिम ओवर करने आए एंडरसन की पहली ही गेंद पर जॉन मूनी ने मिड- विकेट की ओर कलाई के सहारे शॉट खेलकर चौका जड़कर आयरलैंड को एतेहासिक जीत दिला दी । आयरलैंड ने बेहद ही रोमांचकारी मुकाबले में 3 विकेट से मात दे दी थी। जॉन मूनी ने भी केवल गेंद बॉल पर 33 रन बनाकर नॉट आउट रहे थे।
आयरलैंड के लिए इतिहास लिखने में केविन ओ’ब्रायन ने जो कमाल किया था वो अविश्वसनीय था। जिसके कारण ही उनके धमाकेदार, मैच जिताऊ और रिकॉर्डतोड़ बल्लेबाजी के लिए प्लेयर ऑफ द मैच से नवाजा गया था। केविन ओ’ब्रायन ने 63 गेंद पर 113 रन की पारी खेली थी जिसमें 6 गगनचुंबी छक्के और 13 चौके शामिल थे।
विशाल भगत/CRICKETNMORE