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गोवा की महिला क्रिकेटर सीखेंगी इजरायली मार्शल आर्ट

पणजी, 10 फरवरी (Cricketnmore) : गोवा क्रिकेट संघ (जीसीए) ने अपनी महिला खिलाड़ियों को आत्मसुरक्षा की योग्यता विकसित करने के लिए इजरायल के एक मार्शल आर्ट स्कूल से साझेदारी की है। इस कार्यक्रम के तहत गोवा की अंडर-19 और अंडर-21 टीमों की

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गोवा क्रिकेट संघ इमेज
गोवा क्रिकेट संघ इमेज ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Feb 10, 2016 • 10:17 PM

पणजी, 10 फरवरी (Cricketnmore): गोवा क्रिकेट संघ (जीसीए) ने अपनी महिला खिलाड़ियों को आत्मसुरक्षा की योग्यता विकसित करने के लिए इजरायल के एक मार्शल आर्ट स्कूल से साझेदारी की है। इस कार्यक्रम के तहत गोवा की अंडर-19 और अंडर-21 टीमों की खिलाड़ियों को आत्मसुरक्षा का गुण सिखाया जाएगा और इसका उद्देश्य खिलाड़ियों के शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार और उनमें जीत की मानसिकता विकसित करना है।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
February 10, 2016 • 10:17 PM

इजरायल की इस मार्शल आर्ट तकनीक को स्थानीय भाषा में 'क्राव मागा' कहा जाता है। आत्मसुरक्षा की इस तकनीक को इजरायल की सश सेना ने पहली बार विकसित किया, लेकिन धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में आम लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो चुका है।

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मार्शल आर्ट कला में मुक्केबाजी, आइकिडो, जूडो और कुश्ती जैसे खेलों की कलाएं मिश्रित हैं और व्यावहारिक तौर पर इसे सर्वश्रेष्ठ युद्ध कला माना जाता है।

जीसीए इसके लिए क्राव मागा ग्लोबल (केएमजी) के मार्शल आर्ट विशेषज्ञ एलरॉय वाज की सेवाएं लेगा।

उन्होंने कहा कि मार्शल आर्ट महिला खिलाड़ियों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाएगा और खेल के दौरान कठिन परिस्थितियों से जूझने की क्षमता प्रदान करेगा।

वाज ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, "हमारा उद्देश्य अंडर-19 और अंडर-21 टीमों की खिलाड़ियों में आक्रामकता का संचार करना है। हमा कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे, जिनमें क्राव मागा के जरिए खिलाड़ियों में मानसिक और शारीरिक तकनीकों को विकसित किया जाएगा।"

वाज ने बताया कि इससे पहले भी वह क्रिकेट खिलाड़ियों को क्राव मागा का प्रशिक्षण दे चुके हैं, जिससे उनकी बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार भी हुआ।

जीसीए के अध्यक्ष चेतन देसाई के अनुसार, क्राव मागा विशेषज्ञों की सेवाएं लेने के निर्णय का उद्देश्य महिला क्रिकेटरों को इससे पेशेवर लाभ प्रदान करना और आत्मसुरक्षा का गुण सिखाना है।

देसाई ने कहा, "इससे तैयारियों में मदद मिलेगी। हमें उम्मीद है कि इससे खिलाड़ियों में जीत की प्रवृत्ति विकसित होगी।"

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